मौलिक अधिकार है निजता का अधिकार : सुप्रीमकोर्ट

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनते हुए निजता के अधिकार को भारत के संविधान के अनुसार मौलिक अधिकार घोषित किया है l चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अद्याक्षता वाली नौ सदस्य संविधान पीठ ने फैसले मे कहा की संविधान के अनुछेद 21 के तहत दिए गए अधिकारों के अंतर्गत प्राकृतिक रूप से निजता का अधिकार सुरक्षित है l इस संविधान पीठ मे सभी की सहमत थी की सभी नागरिकों को निजता का अधिकार होना चाहिए और यह फैसला 9-0 से सुनाया गया l 

इसके पहले चीफ जस्टिस खेहर ने नौ सदस्य संविधान पीठ ने इस मुद्दे पर तीन सप्ताह के दौरान करीब छह दिन तक सुनवाई की थी की क्या निजता के अधिकार मे प्रदात एक मौलिक अधिकार माना जा सकता है l यह सुनवाई दो अगस्त को पूरी हुए थी और कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था l 

निजता के अधिकार का मुद्दा केंद्र सरकार की सभी योजनओं का लाभ प्राप्त करने के लिए आधार को अनिवार्य करने संबधी केंद्र सरकार के कदम को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान उठा था l 

 

 

 

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