नई दिल्ली, 31जनवरी। कल्पना कीजिए आप एक ऐसे शहर में रहते हैं जहां आपके धर्म के अवाला दूसरे धर्मों के लोग भी हैं लेकिन आप जिस धर्म से संबंध रखते हैं वह उस शहर की अधिकतर आबादी वाला धर्म है यानी आप बहुसंख्यक समाज से संबंध रखते हैं। लेकिन अचानक आपको पता चले कि आप जिस धर्म से आते हैं उसकी आबादी तो वर्ष दर वर्ष कम हो रही है और दूसरे धर्म जो अल्पसंख्यक हैं, उनकी आबादी बढ़ती जा रही है तो ऐसे में आपको अपने भविष्य को लेकर, अपनी आने वाली पीढ़ियों को लेकर चिंता होगी।
डर लगेगा कि आने वाले समय में उन्हें अपने अधिकारों के लिए कहीं लड़ना न पड़ जाए? कल्पना और सवालों से इतर आपको बता दें कि यह कोई कल्पना नहीं बल्कि सत्य है। जी हां, ब्रिटेन के बाद अब ऑस्ट्रेलिया में बहुसंख्यकों की आबादी में काफी तेजी से गिरावट देखने को मिली है, जबकि मुस्लिम और अल्पसंख्यकों की जनसंख्या में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। इस लेख में हम आपको विस्तार से बताएंगे कि कैसे ब्रिटेन के बाद अब ऑस्ट्रेलिया में भी इस्लाम अपनी जड़े जमा रहा है।
ऑस्ट्रेलिया में पैर पसार रहा इस्लाम
दरअसल, ऑस्ट्रेलिया में हुई जनगणना के आंकड़ों के अनुसार वहां की आबादी दो करोड़ 55 लाख हो गई है, जोकि वर्ष 2016 में दो करोड़ 34 लाख थी यानी कुल 21 लाख की वृद्धि हुई है। वहीं, दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया में बीते 50 वर्ष में पहली बार ऐसा हुआ है बहुसंख्यक ईसाई आबादी 50 प्रतिशत से कम हुई है जोकि कभी 90 प्रतिशत हुआ करती थी। यही नहीं, ऑस्ट्रेलिया के अल्पसंख्यक धर्मों की जनसंख्या में भी इजाफा देखने के लिए मिला है। खासकर मुस्लिम समुदाय की आबादी में ज्यादा इजाफा देखने के लिए मिला है। मुद्दे को पूर्णरूप से समझने के लिए सबसे पहले जनगणना के आंकड़ों को समझना बेहद जरूरी है। आइए उस पर गौर करते हैं-
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