भारतीय रिजर्व बैंक करेगी केंद्र सरकार को 99,122 करोड़ रुपये का अधिशेष हस्तांतरित

न्यूज़ डेस्क : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने केंद्र सरकार को 99,122 करोड़ रुपये का अधिशेष हस्तांतरित करने का फैसला किया है। 21 मई 2021 को आरबीआई के केंद्रीय निदेशक मंडल की 589वीं बैठक में यह निर्णय लिया गया।

 

 

 

बोर्ड ने अपनी बैठक में अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रभाव को कम करने के लिए वर्तमान आर्थिक स्थिति, वैश्विक और घरेलू चुनौतियों और रिजर्व बैंक द्वारा उठाए गए हाल के नीतिगत उपायों की समीक्षा की।

 

 

रिजर्व बैंक के लेखा वर्ष अप्रैल से मार्च (पहले जुलाई से जून) में परिवर्तन के चलते बोर्ड ने नौ महीने (जुलाई 2020 से मार्च 2021) की अवधि के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक के कामकाज पर चर्चा की और वार्षिक रिपोर्ट को मंजूरी दी। बोर्ड ने 31 मार्च 2021 (जुलाई 2020 से मार्च 2021) को समाप्त नौ महीने की लेखा अवधि के लिए केंद्र सरकार को अधिशेष के रूप में 99,122 करोड़ रुपये के हस्तांतरण को मंजूरी दी है।

 

 

 

बयान के मुताबिक, ‘बोर्ड ने 31 मार्च 2021 को समाप्त नौ महीने (जुलाई 2020-मार्च 2021) की लेखा अवधि के लिए केंद्र सरकार को अधिशेष के रूप में 99,122 करोड़ रुपये के हस्तांतरण को मंजूरी दी, जबकि आकस्मिक जोखिम बफर को 5.50 फीसदी पर बनाए रखने का निर्णय लिया।’

 

 

 

बीते वर्ष इतना हस्तांतरित किया था अधिशेष 

इससे पहले बोर्ड ने लेखा वर्ष 2019-20 के लिए सरकार को 57,128 करोड़ रुपये का अधिशेष हस्तांतरित करने पर अपनी सहमति दी थी। यह पिछले साल से पहले बीते सात वर्षों में सबसे कम सरप्लस ट्रांसफर था। साल 2019 में आरबीआई ने केंद्र सरकार को 1,23,414 करोड़ रुपये अधिशेष हस्तांतरित किया था।

 

 

 

ये है केंद्रीय बैंक की कमाई का जरिया

केंद्रीय बैंक की कमाई का मुख्य जरिए करेंसी कारोबार और सरकारी बांड के अलावा नोटों का मुद्रण या सिक्कों की ढलाई है। इस आमदनी में से एक हिस्से को रिजर्व बैंक अपने परिचालन खर्च और आकस्मिक जरूरत के लिए रखता है। शेष राशि सरकार को लाभांश के रूप में हस्तांतरित कर दी जाती है। रिजर्व बैंक द्वारा सरकार को दिए जाने वाले अधिशेष को लाभांश कहा जाता है।

 

 

 

डिप्टी गवर्नर श्री महेश कुमार जैन, डॉ. माइकल देवव्रत पात्रा, श्री एम राजेश्वर राव, श्री टी रबी शंकर और केंद्रीय बोर्ड के अन्य निदेशक, जैसे श्री एन चंद्रशेखरन, श्री सतीश के. मराठे, श्री एस. गुरुमूर्ति, रेवती अय्यर और प्रो. सचिन चतुर्वेदी बैठक में शामिल रहे। वित्तीय सेवा विभाग के सचिव श्री देबाशीष पांडा और आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव श्री अजय सेठ ने भी बैठक में भाग लिया।

 

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