कार्यशाला में राज्यों, केंद्रीय मंत्रालयों, उद्योग संगठनों तथा उद्योग के प्रतिनिधियों की व्यापक भागीदारी देखी गई
डीपीआईआईटी ने ‘अनुपालन बोझ में कमी लाने के लिए सुधारों के अगले चरण पर राष्ट्रीय कार्यशाला‘ का आयोजन किया
अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में, भारत सरकार 20 से 25 दिसंबर, 2021 तक सुशासन सप्ताह मना रही है। सुशासन सप्ताह में, उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने 22 दिसंबर, 2021 को नई दिल्ली के अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में अनुपालन बोझ में कमी लाने के लिए सुधारों के अगले चरण पर चिंतन बैठक करने के लिए एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया।
कार्यशाला में राज्यों, केंद्रीय मंत्रालयों, उद्योग संगठनों तथा उद्योग के प्रतिनिधियों की व्यापक भागीदारी देखी गई। 27 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 100 से अधिक प्रतिनिधियों, केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों तथा अधीनस्थ संगठनों के 200 से अधिक सदस्यों तथा उद्योग संगठनों के 95 प्रतिनिधियों ने कार्यशाला के विचार विमर्शों में भाग लिया।
कार्यशाला का परिप्रेक्ष्य पहले सत्र में निर्धारित हो गया जिसमें डीपीआईआईटी ने अनुपालन बोझ में कमी लाने की प्रक्रिया के पूर्वावलोकन, कम किए गए अनुपालनों की स्थिति, नागरिकों और कंपनियों पर अनुपालन बोझ को कम करने के लिए मंत्रालयों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा कार्यान्वित की गई पहलों तथा प्रक्रिया के अगले कदम पर संक्षिप्त प्रस्तुति दी।
विचारों को समझने तथा हितधारकों से सुझाव मांगने के लिए कार्यशाला में निम्नलिखित थीमों पर तीन ब्रेकआउट सत्र शामिल किए गए- संवादहीनता को तोड़ना तथा सरकारी विभागों के बीच समन्वय को बढ़ावा देना-पर थीम की अध्यक्षता वाणिज्य विभाग के सचिव श्री बी वी आर सुब्रमण्यम ने की। इस सत्र के दौरान जिन बिन्दुओं पर चर्चा की गई, उनमें सभी पंजीकरणों को सूचीबद्ध करने वाला मास्टर प्रमाणपत्र जारी करने, प्रमुख व्यवसायिक पहचान संख्याओं को एकल आईडी में विलय करने, केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों के साथ राज्य एकल विंडो प्रणाली के एकीकरण की संभावनाएं शामिल हैं।
नागरिक सेवाओं के कुशल वितरण के लिए सिंगल साइन-ऑन पर आधारित सत्र की अध्यक्षता एमईआईटीवाई के सचिव श्री अजय प्रकाश साहनी ने की। इस सत्र के दौरान चर्चा किए गए मुख्य बिन्दुओं में नेशनल सिंगल साइन-ऑन पर केंद्रीय और राज्य सेवाओं में सभी नागरिक सेवाओं के एकीकरण, उमंग के नेशनल सिंगल साइन-ऑन वेबपेज के रूप में www.india.gov.in के साथ साथ नेशनल सिंगल साइन-ऑन (एसएसओ) मोबाइल ऐप्लीकेशन बनने की संभावना शामिल है।
प्रभावी शिकायत निवारण पर आधारित थीम की अध्यक्षता भूमि संसाधन विभाग के सचिव ने की। सत्र के दौरान जिन प्रमुख बिन्दुओं पर चर्चा की गई, उनमें यह सुनिश्चित करने कि शिकायतें वास्तविक हैं-विविध मंचों के लिए शिकायत करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की आवश्यकता, भविष्य संबंधी विश्लेषण तथा डाटा फिल्ट्रेशन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) का उपयोग शामिल हैं।
कार्यशाला के समापन सत्र के दौरान, मूलभूत मुद्दों की पहचान की गई और ब्रेक आउट सत्रों की संबंधित थीमों पर अगले कदमों की प्रस्तुति संबंधित विषय-वस्तुओं के सचिवों द्वारा अध्यक्ष के रूप में की गई।
कैबिनेट सचिव ने प्रारंभिक चरण में अनुपालन बोझ को कम करने के लिए और देश के नागरिकों के लिए जीवन जीने को सरल बनाने के लिए मंत्रालयों तथा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि बोझ वाले अनुपालनों को कम करना एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न नीतिगत सुधार और कार्यक्रमों का कार्यान्वयन किया गया है, तथापि मंत्रालयों तथा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इसकी पहचान करने की आवश्यकता है कि इसके लिए और अधिक क्या किया जा सकता है। देश की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में रूपांतरकारी शासन सुधार कंपनियों और नागरिकों को बंधनों से मुक्त करने में बहुत सहायक सिद्ध होंगे।
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