‘3.96 प्रतिशत ब्याज वाली जीएस 2022’ की बकाया शेष राशि सममूल्य पर 09 नवंबर, 2022 को प्रतिदेय होगी। उक्त तिथि से उस पर कोई ब्याज देय नहीं होगा। परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881 के तहत किसी भी राज्य सरकार द्वारा पुनर्भुगतान की प्रभावकारी तिथि को अवकाश घोषित किए जाने की स्थिति में संबंधित ऋणों का पुनर्भुगतान उस राज्य के भुगतान कार्यालयों द्वारा इससे पिछले कार्य दिवस को किया जाएगा।
सरकारी प्रतिभूति नियमन, 2007 के उप-नियमों 24(2) और 24(3) के अनुसार परिपक्व होने वाली धनराशि का भुगतान सरकारी प्रतिभूति के पंजीकृत धारक को या तो एक पे ऑर्डर, जिसमें उसके बैंक खाते का संबंधित ब्यौरा होगा, के जरिये किया जाएगा अथवा इस रकम को उस बैंक में धारक के खाते में डाल दिया जाएगा जिसमें इलेक्ट्रॉनिक ढंग से धनराशि की प्राप्ति की सुविधा होगी। सरकारी प्रतिभूति को सहायक सामान्य खाता बही या संघटक सहायक सामान्य खाता बही खाते या शेयर प्रमाणपत्र के रूप में रहना चाहिए। प्रतिभूतियों के संदर्भ में भुगतान सुनिश्चित करने के लिए इस तरह की सरकारी प्रतिभूतियों के मूल ग्राहक अथवा उसके बाद वाले धारकों को अपने बैंक खाते का संबंधित ब्यौरा अग्रिम रूप से उपलब्ध कराना होगा। हालांकि, बैंक खाते का संबंधित ब्यौरा/इलेक्ट्रॉनिक ढंग से धनराशि की प्राप्ति का अधिदेश न होने की स्थिति में नियत तिथि पर ऋण का पुनर्भुगतान सुनिश्चित करने के लिए धारक अपनी उन प्रतिभूतियों को सार्वजनिक ऋण कार्यालयों, कोषागारों/उप कोषागारों, भारतीय स्टेट बैंक की शाखाओं (जहां वे ब्याज के भुगतान के लिए मुखांकित/पंजीकृत हैं) में पेश कर सकते हैं जिनका निस्सरण या शोधन विधिवत रूप से हो चुका है। इन प्रतिभूतियों को पुनर्भुगतान की नियत तिथि से 20 दिन पहले पेश करना होगा।
निस्सरण या शोधन मूल्य प्राप्त करने की प्रक्रिया के पूर्ण विवरण को किसी भी उपर्युक्त भुगतान कार्यालय से हासिल किया जा सकता है।
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