- रेनो इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर बने वेंकटराम ममिलापल्ली।
- कारोबार बढ़ाने के लिए रणनीति पर फोकस, रेनो के ग्राहकों को केंद्र में रखने की एप्रोच, सभी को साथ लेकर एक टीम की तरह आगे बढ़ने की रणनीति।
- इस साल के नए प्रोडक्ट लॉन्च करना जो सही मायने में गेमचेंजर साबित होंगे
न्यूज़ डेस्क : भारत में मुसाफिर वाहनों का बाजार साल 2018 में विश्व में चौथे नंबर पर आ गया है। यह 2022 तक जर्मनी से आगे निकलकर विश्व में तीसरे नंबर पर आ जाएगा। भारतीय ऑटोमोबाइल मार्केट में हाल में प्रवेश करने वाले रेनो इंडिया ने बीते साल में 50,000 से अधिक वाहनों की बिक्री की। भारत में पहली बार किसी ब्रांड ने इतने कम समय में इतने वाहनों की बिक्री की उपलब्धि हासिल की है। लिहाजा यह मील का पत्थर है। ग्रुप रेनो के लिए भारत रणनीतिक बाजार है। कंपनी ने अपना कारोबार भारत में जमाने के लिए ‘इंडिया स्ट्रेटजी’ बनाई है जो मध्यम अवधि की रणनीति है।
रेनो ने वेंकटराम ममिलापल्ली को कंट्री सीईओ व मैनेजिंग डायरेक्टर बनाने की घोषणा की। उनका आटोमोबाइल क्षेत्र में 28 साल का अनुभव है और वे भारत और सार्क देशों में रेनो के आपरेशन की अगुआई करेंगे। इस पद की जिम्मेदारी संभालने से पहले वे रूस में रेनो निसान-एवटोवाज के प्रमुख थे और उन्होंने कंपनी में व्यापक फेरबदल कर आगे को बढ़ाया और मुनाफा बढ़ाया। रेनो समूह में आने से पहले वेंकटराम ने भारत और विश्व की कई ओईएम में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाली हैं।
वेंकटराम को भारत के ऑटोमोबाइल क्षेत्र की व्यापक जानकारी है जिसमें सप्लाई चेन प्रबंधन, क्वालिटी, उत्पादन और लॉजिकस्टिक्स हैं। इसी कारण कंपनी भारत में व्यापक स्तर पर अपना कारोबार बढ़ा सकी है। वे पहले भी कई कंपनियों में एक्जीक्यूटिव कमेटियों और इंटरनेशनल बोर्ड के सदस्य रह चुके हैं।
रेनो इंडिया के इनिशियल मैनडेट की जानकारी देते हुए वेंकटराम ममिलापल्ली ने कहा, “कारोबार को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए मैंने कंपनी के तीन ध्येय निर्धारित किए हैं। पहला है आर्गेनाइजेशन, सभी लोग मिलकर काम करेंगे जो ‘एक टीम जो जिसकी एक महत्वाकांक्षा’ के तहत काम करेगी। यह हमारा बुनियादी लक्ष्य है। अगला है, ‘कस्टमर फर्स्ट’ एप्रोच। यह सभी कारोबारी क्षेत्रों में लागू होगा जो क्वालिटी डिलीवरी प्रोडक्टस लागू करने में लागू होगा (उत्पादन और जागरूकता दोनों क्षेत्रों में)। यह इंजीनियरिंग,मैन्यूफैक्चरिंग, सप्लायर्स और डीलर्स पर खासतौर पर केंद्रित होगा। तीसरा ध्येय मुनाफे के दोगुना करना है। इसके तहत अगले तीन सालों में मध्यम अवधि की रणनीति के तहत तीन सालों में 1,50,000 यूनिट्स की बिक्री करना है।”
रेनो इस साल भारत में उत्पाद उतारने के लिए नई प्रोडक्ट्स तैयार कर रही है जो सही मायने में गेम चेंजर साबित होंगे। भारत में एसयूवी क्षेत्र में मांग तेजी से बढ़ रही है, इसलिए बेहतरीन प्रोडक्ट उत्पादन करने की रणनीति बनाई है। इससे कंपनी भारत में अपने पांव तेजी से मजूबती के साथ जमा सकेगी। कंपनी भारतीय ग्राहकों और की जरूरतों व प्राथमिकताओं को पूरा कर सकेगी। साथ ही भारत की आटोमोबाइल इंडस्ट्री में सब सगमेंट भी बनाएगी। रेनो के आने वाले उत्पाद भारत के लोगों के लिए भारत में डिजाइन किए जाएंगे,उनकी इंजीनियरिंग की जाएगी, विकसित किए जाएंगे और बनाए जाएंगे।
रेनो डीलरों के मुनाफे पर भी बराबरी से ध्यान देगा जिससे भारत में रेनो का कारोबार व यूनिट्स की बिक्री बढ़ेगी।
रेनो की 120 सालों की वैश्विक विरासत है। रेनो विश्व में सबसे बड़ा आटोमोटिव गठजोड़ है। रेनो ने भारत में भारी निवेश किया है ताकि भारत में रेनो की मजबूत जड़ें जम सकें। इसके तहत चेन्नई में विश्व की बेहतरीन मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट (सालाना क्षमता 4,80,000), वैश्विक स्तर का टैक्नालजी सेंटर, वैश्विक स्तर के दो डिजाइन सेंटर और वैश्विक स्तर के दो लॉजिकटिक्स सेंटर हैं।
हालांकि अभी रेनो की खास भारतीय आटोमोटिव बाजार तक पहुंच हैं। इसका हालिया कारोबार देश की केवल 40 फीसद से कम बाजार को कवर करता है। रेनो यूरोप का नंबर आटोमेटिव ब्रांड है जो भारत में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुका है। रेनो की भारतीय आटोमेटिव बाजार के लिए स्पष्ट प्रोडक्ट रणनीति है जो देश के नए व तेजी से बढ़ते बाजार की आवश्यकताओं को पूरा करेगी।
भारतीय ऑटोमोबाइल मार्कट में विकास की अपार संभावनाएं हैं। भारत की भौगोलिक, लोगों की आमदनी बढ़ने के कारण स्थितियां ग्राहकों के लिए फायदेमंद है। रेनो भारत में बेहतर भविष्य को साकार करने के लिए तैयार है।
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