न्यूज़ डेस्क : देशभर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत के बीच केंद्र ने मंगलवार को आगाह किया कि यह घर पर उपयोग के लिए नहीं है। सरकार ने डॉक्टरों से कहा कि चिकित्सकों को इस वायरस-रोधी दवा का ‘विवेकपूर्ण एवं न्यायसंगत‘ उपयोग करना चाहिए। इसे अस्पतालों में कोविड-19 के सिर्फ गंभीर रोगियों को ही दिया जाए।
दवा दुकानों से नहीं खरीदें इंजेक्शन
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी. के. पॉल ने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि रेमडेसिविर का उपयोग सिर्फ उन्हीं मरीजों के लिए किया जाए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती करने और बाहर से ऑक्सीजन देने की जरूरत है। इसकी यह एक पूर्व शर्त है। घर पर और हल्के लक्षणों वाले संक्रमण के मामलों में इसके उपयोग का कोई सवाल ही नहीं है तथा इसे दवा दुकान से नहीं खरीदना है।
कोविड-19 के लिए क्लीनिकल प्रबंधन प्रोटोकॉल में अनुसंधानात्मक उपचार के तौर पर इसे कोरोना वायरस से संक्रमित गंभीर रोगियों पर उपयोग के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
निर्यात प्रतिबंधित, प्रचुर मात्रा में उपलब्ध
डॉ. पॉल ने कहा कि कुछ क्षेत्रों से रेमडेसिविर की कमी पड़ने की खबरें आने के मद्देनजर इसके निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया है और यह दवा प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है।
दवा दुकानों पर भीड़ गलत
डॉ. पाल ने कहा कि रेमडेसिविर के लिए दवा दुकान के बाहर कतार में खड़े होना गलत संदेश दे रहा है। उन्होंने डॉक्टरों से अस्पताल में भर्ती रोगियों पर रेमडेसिविर का तर्कसंगत, सही और विवेकपूर्ण उपयोग सुनिश्चित करने की अपील की।
संक्रमण बढ़ने से बढ़ गई मांग
देश में कोविड-19 के मामले बढ़ने से इस दवा की मांग काफी बढ़ गई है, ऐसे में भारत ने रविवार को रेमडेसिविर इंजेक्शन के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। बता दें, कि इस इंजेक्शन की भारी मांग है। कई शहरों में इसका स्टॉक खत्म होने से दवा दुकानों व अस्पतालों में हंगामा होने लगा था। निर्यात रोकने के बाद व सप्लाई बढ़ाने के सरकार के निर्देश से स्थिति कुछ सुधरी है। इसकी कमी को लेकर देशभर से हंगामे की खबरें आ रही थीं।
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