रिलायंस होम फाइनेंस ने अपनी समाधान प्रक्रिया के लिए एक समिति की नियुक्ति

न्यूज़ डेस्क : कर्ज के बोझ तले दबी रिलायंस होम फाइनेंस (आरएचएफ) ने अपनी समाधान प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए एक समिति की नियुक्ति की है। यह अनिल अंबानी प्रवर्तित रिलायंस समूह की आवास वित्त कंपनी है। बैंक ऑफ बड़ौदा की अगुवाई में ऋणदाताओं के समूह ने अंतर-ऋणदाता करार (आईसीए) के तहत 19 जून 2021 को ऑटम इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर के पक्ष में इच्छा पत्र जारी किया था। ऑटम ने रिलायंस होम फाइनेंस के अधिग्रहण के लिए सबसे ऊंची बोली दी है।

 

 

 

2,911 करोड़ रुपये की बोली

आरएचएफ ने बीएसई को भेजी सूचना में कहा कि ऑटम ने वित्तीय ऋणदाताओं को 2,911 करोड़ रुपये की बोली दी है। यह बोली ऋणदाताओं द्वारा 19 जून 2021 को हुई बैठक में मंजूर बोली दस्तावेजों के नियम और शर्तों पर निर्भर करेगी। आरएचएफ के निदेशक मंडल ने सोमवार को हुई बैठक में ऋणदाताओं द्वारा मंजूर समाधान योजना पर विचार किया। आरएचएफ के निदेशक मंडल ने इस मामले में आगे कदम उठाने को एक समिति भी नियुक्त की है।

 

 

 

मालूम हो कि कर्ज में डूबे उद्योगपति अनिल अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस ग्रुप का बाजार पूंजीकरण तीन महीने से भी कम समय में 1,000 फीसदी से अधिक बढ़ चुका है। मार्च में ग्रुप का बाजार पूंजीकरण 733 करोड़ रुपये था जो मई में 3,890 करोड़ रुपये और 18 जून को 7,866 करोड़ रुपये पहुंच गया। पिछले 20 दिनों में ग्रुप की कंपनियों रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर, रिलायंस पावर और रिलायंस कैपिटल का बाजार पूंजीकरण दोगुना से अधिक हो चुका है।

 

 

 

रिलायंस पावर का मार्केट कैप 4,446 करोड़ रुपये, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर का 2,767 करोड़ रुपये और रिलायंस कैपिटल का मार्केट कैप 653 करोड़ रुपये है। रिलायंस पावर के बोर्ड ने अपनी प्रमोटर कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को कुल 1,325 करोड़ रुपये के 59.5 करोड़ प्रेफरेंशियल शेयर और 73 करोड़ वारंट जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इससे रिलायंस पावर के कर्ज में 1,325 करोड़ रुपये की कमी आएगी। रिलायंस कैपिटल ग्रुप की कंपनी रिलायंस होम फाइनेंस की बिक्री भी फाइनल स्टेज में है। इससे रिलायंस कैपिटल के कर्ज में 11,000 करोड़ रुपये से अधिक की कमी आएगी।

 

 

 

मार्च 2021 को समाप्त तिमाही में 444.62 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा

रिलाइंस होम फाइनेंस ने मार्च 2021 को समाप्त तिमाही में 444.62 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया। कंपनी को मार्च 2020 में समाप्त तिमाही में भी 238.37 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध नुकसान हुआ था। अनिल अंबानी की रिलायंस कैपिटल की इस अनुषंगी कंपनी को पिछले वर्ष दिसंबर तिमाही में भी 339.55 करोड़ रुपये का शुद्ध घटा हुआ था। 

 

 

 

वित्त वर्ष 2020-21 में कई गुना बढ़ा एकीकृत शुद्ध घाटा

कंपनी की कुल आय इस साल मार्च तिमाही में 42.4 फीसदी घटकर 162.08 करोड़ रुपये रही। एक साल पहले इसी अवधि में इसने 281.34 करोड़ रुपये की आय दिखायी थी। वित्त वर्ष 2020-21 में, कंपनी का एकीकृत शुद्ध घाटा कई गुना बढ़ते हुए 1,519.90 करोड़ रुपये रहा जबकि 2019-20 में यह 375.32 करोड़ रुपये था। वर्ष 2020-21 में कंपनी की कुल आय 840.43 करोड़ रुपये थी, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 1602.91 करोड़ रुपये थी।

 

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