रिलायंस -बीपी पेट्रोल पंपों के आने से पेट्रोल-डीजल की कीमतें सरकार के कंट्रोल से बाहर होने की उम्मीदःरिपोर्ट
न्यूज़ डेस्क : रिलायंस और ब्रिटेन की BP plc के भारत में पेट्रोल पंप खोलने से सरकारी ईंधन कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी प्रभावित होगी। Morgan Stanley की एक हालिया रिपार्ट में यह बात कही गई है। Reliance और BP ने पिछले सप्ताह ईंधन की खुदरा बिक्री के लिए अपनी साझेदारी का पिछले सप्ताह ऐलान किया था। इस पार्टनरशिप के तहत ब्रिटिश कंपनी ने एक अरब डॉलर में 49 फीसद हिस्सेदारी का अधिग्रहण कर लिया है। इस साझेदारी के तहत अगले पांच साल में रिलायंस के पेट्रोल पंपों की संख्या 5,500 हो जाएगी। कंपनी फिलहाल देश में 1,400 पेट्रोल पंपों का संचालन कर रही है। इसके अलावा कंपनी ल्यूकरेटिव एविएशन फ्यूल स्टेशन की संख्या को भी 30 से बढ़ाकर 45 करेगी।
RIL और BP के बीच यह प्रस्तावित भागीदारी 2020 की पहली तिमाही में पूरी होने की उम्मीद है। Morgan Stanley की रिपोर्ट में कहा गया है इस हिस्सेदारी के कारण घरेलू ईंधन बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। इस वजह से ईंधन की कीमत सरकार के हस्तक्षेप से बाहर हो जाएगी।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘अगर RIL-BP लक्ष्य के मुताबिक पेट्रोल पंप खोलते हैं तो 2025 तक भारत में कंपनी के पेट्रोल पंपों की तादाद कुल फ्यूल स्टेशनों के आठ फीसद के बराबर हो जाएगा। हमारा अनुमान है कि इसका असर विमान एवं ऑटो ईंधन दोनों क्षेत्रों में तेल विपणन कंपनियों की हिस्सेदारी पर पड़ेगा।’
इस रिपोर्ट के मुताबिक इस साझीदारी का असर सबसे ज्यादा Indian Oil Corp (IOC) की हिस्सेदारी पर पड़ेगा क्योंकि पिछले दशक में ऐसा हो चुका है। रिपोर्ट के अनुसार Bharat Petroleum Corp Ltd (BPCL) के सबसे अधिक पेट्रोल पंप हाइवे पर हैं, ऐसे में उसे दाम को लेकर ज्यादा एग्रेसिव रणनीति तैयार करनी होगी क्योंकि RIL-BP इस एरिया को सबसे अधिक टार्गेट करेगी। हालांकि, इस रपट के मुताबिक HPCL पर इसका असर बहुत अधिक होने की उम्मीद नहीं है। इसकी वजह यह है कि HPCL के अधिकतर पेट्रोल पंप शहरी इलाकों में हैं। शहरी इलाकों में लंबी अवधि की लीज को लेकर होने वाली दिक्कत के कारण नई कंपनी को शहरों में प्रवेश करने के लिए अधिक मशक्कत करनी पड़ेगी।
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