पूर्वोत्तर क्षेत्र में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के सतत विकास पर क्षेत्रीय सम्मेलन का अगरतला, त्रिपुरा में आयोजन
केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री श्री नारायण राणे, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री प्रो. (डॉ.) माणिक साहा और केंद्रीय राज्य मंत्री श्री भानु प्रताप सिंह वर्मा के साथ 9 जनवरी 2023 को अगरतला, त्रिपुरा में आयोजित ‘पूर्वोत्तर क्षेत्र में एमएसएमई के सतत विकास पर क्षेत्रीय सम्मेलन’ की अध्यक्षता करेंगे। एमएसएमई मंत्रालय द्वारा इस सम्मेलन का आयोजन मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए किया जा रहा है। इस सम्मेलन में एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार और त्रिपुरा राज्य सरकार की विभिन्न पहलों की शुरूआत के बारे में प्रदर्शन किया जाएगा। आरएएमपी (एमएसएमई के कार्य प्रदर्शन को बढ़ाना और तेजी लाना) का शुभारंभ, उद्यम शक्ति के तहत एनईआर पोर्टल को जोड़ना, गोमती सिटी गैस परियोजना का उद्घाटन, स्फूर्ति (एसएफयूआरटीआई) योजना के तहत वेस्ट त्रिपुरा बम्बू मैट क्लस्टर का उद्घाटन और केवीआईसी (खादी और ग्रामोद्योग आयोग) तथा टीकेवीआईबी (त्रिपुरा खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड) के नए भवन का उद्घाटन ऐसी कुछ गतिविधियां है जिनकी सम्मेलन के लिए योजना बनाई गई है। यह सम्मेलन भारत में एमएसएमई के विकास की दिशा में लगातार काम कर रहे केंद्र और राज्य सरकारों के विभागों, केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम और उद्योग संघों के साथ इच्छुक/मौजूदा उद्यमियों को बातचीत करने के लिए एक मंच उपलब्ध कराएगा।
अगरतला में आज मीडिया को जानकारी देते हुए एमएसएमई मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने उस समावेशी विकास के बारे में विस्तृत विवरण दिया, जिन्हे यह मंत्रालय समाज के हर वर्ग के लिए विभिन्न उपायों के माध्यम से एमएसएमई को देश में उद्यमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न योजनाओं को लागू करता है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र में एमएसएमई को सशक्त बनाने के लिए सरकार ने अनेक पहल की हैं। “पूर्वोत्तर और सिक्किम में एमएसएमई को प्रोत्साहन” एक समर्पित योजना है, जो एमएसएमई के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराती है। अब तक 140 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत 1.14 लाख सूक्ष्म इकाइयों को सहायता दी गई है जिससे 7.6 लाख रोजगार जुटाए गए हैं। एमएसएमई क्लस्टर विकास कार्यक्रम ने अपनी स्थापना से लेकर अब तक 29 परियोजनाओं को पूरा किया है, जिसके लिए सरकार ने 135.45 करोड़ रुपये जारी किए हैं। स्थानीय कारीगरों को लाभान्वित करने वाले कुल 85 क्लस्टरों को “स्फूर्ति (पारंपरिक उद्योगों के उत्थान के लिए निधि की योजना)” के तहत अनुमोदित किया गया है। अब तक पूर्वोत्तर के 2.7 लाख उद्यमों ने 23 लाख लोगों को रोजगार देते हुए उद्यम पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है।
हमारी अर्थव्यवस्था पर एमएसएमई के प्रभाव को देखते हुए यह बहुत जरूरी हो गया है कि युवाओं में उद्यमिता को बढ़ावा देने और एक अनुकूल इको-सिस्टम का निर्माण करने के लिए ठोस प्रयास किए जाने चाहिए, जहां वे 5 ट्रिलियन अमरीकी डालर की अर्थव्यवस्था को साकार करने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।
एमएसएमई क्षेत्र का पोषण राष्ट्र की आर्थिक भलाई के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। एमएसएमई मंत्रालय सतत विकास के लिए एमएसएमई को सशक्त और वैश्विक मूल्य श्रृंखला को सुसंगत बनाने के लिए लगातार काम कर रहा है। यह सम्मेलन त्रिपुरा और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के एमएसएमई को नए विचारों को शामिल करते हुए उनके विकास क्षितिज का विस्तार करने में सहायता प्रदान करेगा क्योंकि इससे वे सरकार द्वारा किए जा रहे विभिन्न उपायों से अच्छी तरह अवगत हो जाएंगे।
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