न्यूज़ डेस्क : परिवार के वरिष्ठ सदस्यों का अस्वस्थ होना उनके भोजन में लकड़ी तत्व की कमी का परिणाम है। पेट या सीने संबंधी बीमारियां अग्नि तत्व के असंतुलन के कारण हो सकती हैं।
जिस तरह भोजन का सेहत से गहरा रिश्ता है, उसी तरह फेंग्शुई से भी उसका गहरा नाता है। हम क्या खाएं और क्या न खाएं, इसके लिए हम अक्सर डाइटीशियन की सलाह लेते हैं। आपको यह जानकर भले ही ताज्जुव हो कि बेहतर स्वास्थ्य के लिए भोजन के जिस आदर्श शेड्यूल की जरूरत होती है, उसमें फेंग्शुई सिद्धांत काफी मदद कर सकते हैं।
चाहिए संतुलित भोजन : जिस प्रकार हमारा शरीर पांच मूल भूत तत्वों से बना है, उसी प्रकार हमारे भोजन में भी फेंग्शुई के पांच मूल भूत तत्वों (पृथ्वी, अग्नि, जल, लकड़ी और धातु) का समावेश है। इनमें से किसी भी तत्व की अधिकता या कमी हमें बीमार कर देती है। जिस प्रकार हम अपने शरीर में मूलभूत तत्वों के असंतुलन के कारण अस्वस्थ हो जाते हैं, उसी प्रकार आवश्यक तत्वों की कमी को पूरा करके हम स्वस्थ भी हो सकते हैं। फेंग्शुई भी इसी संतुलन के सिद्धांत का अनुसरण करता है। बात चाहे घर की हो, कार्यालय की या भोजन की, फेंग्शुई की पुरुष व स्त्री ऊर्जा यानी यिन व यांग एनर्जी का संतुलन आवश्यक है।
भोजन में फेंग्शुई ऊर्जा : हमारे भोजन में भी यिन व यांग एनर्जी का समावेश होता है। पृथ्वी, लकड़ी व धातु तत्व यिन ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करते हैं, जबकि अग्नि एवं जल यांग ऊर्जा का। परिवार के वरिष्ठ सदस्यों का अस्वस्थ होना भोजन में लकड़ी तत्व की कमी का परिणाम है। वैवाहिक संबंधों में शिथिलता या असंतोष का कारण पृथ्वी तत्व की कमी है। पेट या सीने की बीमारियां भोजन में अग्नि तत्व की अधिकता या कमी के कारण हो सकती हैं।
ऊर्जा की कमी को ऐसे करें संतुलित : जानते हैं कि कौन से खाद्य पदार्थ यिन ऊर्जा अर्थात पृथ्वी, लकड़ी व धातु तत्व की पूर्ति करते हैं और कौन से खाद्य पदार्थ यांग ऊर्जा यानी अग्नि व जल तत्व की। इनका ध्यान रखकर हम अपना खयाल रख सकते हैं।
यिन ऊर्जा प्रदान करने वाले खाद्य पदार्थ :खट्टे व मीठे खाद्य पदार्थ, एल्कहोलिक पेय, खट्टे फल, कॉफी, चीनी, पपीता, कद्दू, तरबूज, चॉकलेट आदि।
यांग ऊर्जा प्रदान करने वाले खाद्य पदार्थ :तीखे और नमकीन खाद्य पदार्थ, चीज, अंडे, मांस, दालें, नमक, प्याज, लहसुन, काली मिर्च, लाल मिर्च, हरी मिर्च।
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