न्यूज़ डेस्क : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को बैंकिंग गवर्नेंस से संबंधित नई गाइडलाइन जारी की है, जो तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगा। इसके तहत निजी बैंकों, लघु वित्त बैंक (एसएफबी) और विदेशी बैंकों की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों सहित अन्य बैंकों के सीईओ और एमडी के कार्यकाल को लेकर दिशा-निर्देश दिए गए हैं। केंद्रीय बैंक के निर्देशों के अनुसार, किसी भी बैंक में मैनेजिंग डायरेक्टर (एमडी) और चीफ इकोनॉमिक ऑफिसर (सीईओ) या होल टाइम डायरेक्टर (डब्ल्यूटीडी) के पद पर 15 साल से अधिक समय तक एक ही व्यक्ति को नहीं रखा जा सकता है।
पदाधिकारियों की अधिकतम आयु भी तय
नई गाइडलाइन में बैंको के पदाधिकारियों की अधिकतम आयु भी निश्चित कर दी गई है। आरबीआई के नए दिशानिर्देशों के अनुसार किसी भी निजी बैंक के एमडी या सीईओ की अधिकतम आयु 70 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए। निजी बैंक के बोर्ड एमडी और सीईओ सहित डब्ल्यूटीडी की सेवानिवृत्ति की आयु 70 साल की उम्र सीमा के भीतर निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र हैं। गौरतलब है कि यह गाइडलाइंस निजी बैंक, स्मॉल फाइनेंस बैंक, विदेशी बैंकों के सब्सिडियरीज पर लागू होंगी। इसके अलावा अगर कोई विदेशी बैंक भारत में ब्रांच चला रहा है तो यह नई गाइडलाइंस उस पर लागू नहीं होंगी।
भारत में किसी विदेशी बैंक के ब्रांच पर नई गाइडलाइंस लागू नहीं होंगी
गाइडलाइन में यह भी कहा गया है कि एमडी, सीईओ या डब्ल्यूटीडी जो प्रमोटर या फिर प्रमुख शेयरधारक भी होते हैं, वह भी 12 साल से अधिक समय तक इन पदों पर काबिज नहीं रह सकते। बैंकों को एक अक्टूबर, 2021 तक निर्देशों को अमल में लाना होगा। केंद्रीय बैंक ने कहा कि असाधारण परिस्थितियों में रिजर्व बैंक, एमडी और सीईओ या डब्ल्यूटीडी के एकमात्र विवेक पर, जो प्रमोटर या महत्वपूर्ण शेयरधारक भी होते हैं, को 15 साल तक अपनी सेवा जारी रखने की अनुमति दी जा सकती है।
कॉरपोरेट गवर्नेंस को लेकर मास्टर डायरेक्शन लाएगा आरबीआई
आरबीआई ने कहा है कि वह आने वाले समय में बैंकों के कॉरपोरेट गवर्नेंस को लेकर मास्टर डायरेक्शन लेकर आएगा। बताते चलें कि आरबीआई ने शुक्रवार को अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग कॉरपोरेशन और डाइनर्स क्लब इंटरनेशनल लिमिटेड.के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की थी। डाटा स्टोरेज से जुड़े नियमों के उल्लंघन को लेकर आरबीआई ने इन बैंकों को एक मई से नए ग्राहकों को कार्ड जारी नहीं करने के निर्देश दिए थे। आरबीआई ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि इस आदेश से मौजूदा ग्राहकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
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