राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने अब तक 1929 बार बोला झूठ

वाशिंगटन ।  दुनिया में नेताओं की बात का करार स्वाकारने योग्य कतई नहीं होता क्योंकि नेता कब झूठ बोल रहा है और कब सच, कभी-कभी ये समझ पाना बहुत मुश्किल हो जाता है। ऐसी स्थिति सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी है। इस मामले में विदेशी नेताओं की बात करें, तो सबसे पहले ज़ेहन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम आता है।

मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा दावा किया गया है कि अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने अब तक कुल 1929 बार झूठ बोला है। अमेरिका और कनाडा की समाचार वेबसाइट में ऐसी रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। डिटेल एनालिसिस में कहा गया है कि ट्रंप के ज्यादातर दावे झूठे और भ्रामक निकले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, शुरुआती दिनों में ट्रंप 100 दिन में औसतन 4.9 झूठे दावे करते थे,

जो बाद में लगातार बढ़ते गए। वहीं, राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप ने अपने भाषणों में ज्यादातर झूठ बोला है। रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 18 महीनों में डोनाल्ड ट्रंप ने कुल 13 लाख 40 हजार 330 शब्द बोले हैं। इनमें से 5.1 फीसदी झूठ था। अगर साल 2017 का औसत देखें, तो ट्रंप ने लगभग रोज 2.1 झूठे दावे किए। इस साल यह औसत बढ़कर 5.1 हो गया है। मतलब ये हुआ कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो भी कहते हैं उनका हर 14 में से एक शब्द झूठा होता है।

रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप के इस आदत से विदेशी नेताओं को भी दिक्कत होती है। क्योंकि, ट्रंप एक जगह कुछ कहते हैं, दूसरी जगह उसी बयान पर यू-टर्न ले लेते हैं। इससे विश्व राजनीति में एक तरह की कंफ्यूज़न की स्थिति पैदा हो रही है। हाल ही फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ऐतिहासिक मुलाकात हुई।

इस मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने संयुक्त बयान दिया। जिसमें ट्रंप ने 2016 में हुए अमेरिकी चुनाव में रूस के कथित रूप से दखल न देने के पुतिन के दावे को मान लिया। यही नहीं, ट्रंप ने यहां तक कह दिया कि अमेरिका का फेडरल इंवेस्टिगेशन ब्यूरो (एफबीआई) ही दोनों देशों के बीच दूरियां लाने की वजह है।

हालांकि, इस बयान के बाद चौरतफा घिरने और यूएस मीडिया में किरकिरी के बाद ट्रंप अगले ही दिन अपने बयान से पलट गए। उन्होंने सफाई दी कि हेलसिंकी में रूस के बारे में वो सब गलती से बोल गए थे।

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