न्यूज़ डेस्क : कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के उद्देश्य से किए गए लॉकडाउन की अवधि तीन मई तक किए जाने के निर्णय के कारण भारतीय रेलवे को राजस्व में करीब 660 करोड़ रुपये का घाटा होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दौरान रेलवे को यात्रा के लिए बुक कराए गए 39 लाख टिकट रद्द करने होंगे।
पहले भारतीय रेलवे ने 15 अप्रैल से यात्रा के लिए बुकिंग की व्यवस्था बंद नहीं की थी। लेकिन मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन की अवधि बढ़ाकर तीन मई तक कर दी थी।
इस संदर्भ में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लगभग 660 करोड़ रुपये वापस किए जाएंगे। 15 अप्रैल से तीन मई के बीच यात्रा के लिए 39 लाख बुकिंग की गई थी। भारतीय रेलवे ने कहा है कि लॉकडाउन की बढ़ी हुई अवधि के दौरान यात्रा के लिए बुक कराए गए टिकटों के पूरे पैसे वापस किए जाएंगे।
कुल 1,490 करोड़ रुपये का नुकसान
वहीं 22 मार्च से 14 अप्रैल के बीच यात्रा के लिए बुक कराई गई 55 लाख टिकटों के लिए 830 करोड़ रुपये की राशि वापस की जाएगी। यानि भारतीय रेलवे को राजस्व में कुल 1,490 करोड़ रुपये का नुकसान होगा।
ऑनलाइन बुकिंग कराने वालों को मिलेगा पूरा पैसा
रेलवे ने यह भी कहा है कि राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टरों की तरफ से अपने ऑनलाइन ग्राहकों के लिए पूर्ण रिफंड स्वचालित रूप से दिए जाएंगे, जबकि जिन लोगों ने काउंटरों पर बुकिंग की है, वे रिफंड 31 जुलाई तक ले सकते हैं।
साथ ही रेलवे ने कहा है कि आगे की सूचना मिलने तक ई टिकट समेत किसी भी टिकट की अग्रिम बुकिंग नहीं की जाएगी।
बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के फैलने से पहले तक रेलवे रोजाना आईआरसीटीसी की वेबसाइट के जरिए औसतन 8.5 लाख टिकट ऑनलाइन बुक करती थी। लेकिन महामारी के बढ़ने पर 22 मार्च को 15,523 ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया गया था, जिनमें सामान्य हालात में रोजाना चलने वालीं 9 हजार पैसेंजर और 3 हजार मेल एक्सप्रेस सेवाएं भी शामिल हैं।
Comments are closed.