नई दिल्ली । 2002 में जब इंडियन रेलवे केर्टंरग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आइआरसीटीसी) लांच हुआ था, तो पहले दिन सिर्फ 29 टिकट बुक हुए। आज यह आंकड़ा लाखों में है। रोजाना आइआरसीटीसी के पोर्टल से 13 लाख से अधिक टिकट बुक किए जाते हैं। बड़ी संख्या में टिकट की बुकिंग होने के चलते कुछ लोग इस प्रणाली का गलत फायदा भी उठाते हैं।
भारतीय रेलवे से रोजाना दो करोड़ से अधिक लोग सफर करते हैं। सभी यात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें इसके लिए रेलवे ने ऑनलाइन टिकट बुकिंग के संबंध में नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन नए नियमों पर एक नजर…
एक महीने में एक यूजर आइडी से सिर्फ छह टिकट बुक किए जा सकते हैं। अगर यूजर ने आधार कार्ड से सत्यापन कराया है तो एक महीने में 12 टिकट बुक करा सकता है। एक व्यक्ति सुबह 8 से 10 बजे के बीच के शुरुआती दो घंटों में सिर्फ दो टिकट बुक करा सकता है।
-सुबह 8 बजे से दिन में 12 बजे तक सिंगल पेज या क्विक बुक सर्विस मौजूद नहीं होगी। इस सुविधा के तहत एक ही पेज पर टिकट बुकिंग की सारी प्रक्रिया पूरी की जाती है।
-एक यूजर एक बार में सिर्फ एक लॉग-इन सेशन में टिकट बुक कर सकता है। लॉगिन, यात्री विवरण और पेमेंट वेब पेज पर कैपचा मौजूद होगा।
-सुरक्षा का एक स्तर बढ़ा दिया गया है। अब किसी भी यूजर को अपना नाम, ईमेल, मोबाइल नंबर जैसी निजी जानकारी भरने के बाद सुरक्षा संबंधी एक सवाल का जवाब देना होगा।
-एजेंट सुबह 8 से 8:30 बजे, 10 से 10:30 बजे और 11 से 11:30 बजे तक टिकट बुक करा सकते हैं। अधिकृत ट्रेवल एजेंट ऑनलाइन रिजर्वेशन खुलने के आधे घंटे तक तत्काल टिकट बुक नहीं कर सकते हैं।
-ऑनलाइन टिकट बुकिंग को टाइम सेंसटिव बनाया गया है। अब यात्री विवरण भरने के लिए 25 सेकंड का मानक समय तय किया गया है। यात्री विवरण पेज और -पेमेंट पेज पर कैपचा लिखने के लिए न्यूनतम समय पांच सेकंड होगा।
-पेमेंट करने के लिए दस सेकंड का समय दिया गया है। किसी भी बैंक से नेट बैंकिंग के जरिए पेमेंट करने के लिए सभी यूजर्स को वन टाइम पासवर्ड देना अनिवार्य होगा।
-तत्काल टिकट यात्रा के एक दिन पहले बुक किया जा सकेगा। सुबह 10 बजे से एसी कोच में ऑनलाइन सीट रिजर्वेशन शुरू होगा और 11 बजे से स्लीपर बोगी में।
-टिकट शुल्क और तत्काल शुल्क को वापस तभी मांगा जा सकेगा जब ट्रेन अपने निर्धारित समय से तीन घंटे की देरी से रवाना होगी।
-कोई भी यात्री अपने टिकट की कीमत वापस मांग सकता है जब ट्रेन का रूट बदल दिया गया हो और यात्री उस रूट से यात्रा नहीं करना चाहता हो।
-यात्री उस सूरत में भी अपने टिकट का पूरा पैसा मांग सकता है अगर उसे बुक किए गए क्लास के बदले किसी निचली क्लास में शिफ्ट किया जाता है और वह उस क्लास में सफर नहीं करना चाहता। लेकिन अगर यात्री उस क्लास में सफर करने को राजी हो जाता है तो उसे दोनों क्लास के टिकट में फर्क का भुगतान कर दिया जाएगा।
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