न्यूज़ डेस्क : पंजाब में अब ओलंपिक पदक विजेताओं के गांवों और शहरों की सड़कों का नाम खिलाड़ियों के नाम पर रखा जाएगा। शुक्रवार को यह घोषणा पंजाब के शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला ने की। उन्होंने 41 साल बाद ओलंपिक पदक जीतने वाली देश की हॉकी टीम को बधाई दी।
सिंगला ने कहा कि मुख्यमंत्री की सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद लोक निर्माण और स्कूल शिक्षा विभाग को इस पर काम करने के लिए कहा गया है। इस फैसले को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए विभागों को निर्देश दिया गया है। इन खिलाड़ियों ने देश का नाम रोशन किया है और इससे आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा मिलेगी।
सिंगला ने कहा कि देश के खेलों में पंजाब का सुनहरा योगदान रहा है। टोक्यो ओलंपिक में भारतीय खेल दल में खिलाड़ियों की संख्या के हिसाब से पंजाब दूसरे स्थान पर था, क्योंकि 124 खिलाड़ियों में से 20 खिलाड़ी पंजाब के थे। पुरुष हॉकी टीम में 11 खिलाड़ी पंजाब के थे, जिनमें कप्तान मनप्रीत सिंह, उप कप्तान हरमनप्रीत सिंह, रुपिंदरपाल सिंह, सिमरनजीत सिंह, दिलप्रीत सिंह, मनदीप सिंह, गुरजंट सिंह, हार्दिक सिंह, शमशेर सिंह, वरुण कुमार और कृष्ण पाठक शामिल थे।
महिला हॉकी टीम ने भी बहुत बढ़िया प्रदर्शन दिखाया और पहली बार सेमीफाइनल में जगह बनाई। कांस्य पदक वाले मैच में ब्रिटेन के हाथों हार जाने के कारण पदक से एक कदम दूर रह गई लेकिन टीम ने बढ़िया खेल दिखाया। महिला टीम में पंजाब की गुरजीत कौर और रीना खोखर थीं।
इसी तरह एक और एथलीट कमलप्रीत कौर ने डिस्कस थ्रो के फाइनल में जगह बनाते हुए छठा स्थान हासिल किया। ओलंपिक खेल में मुक्केबाज सिमरनजीत कौर, एथलीट तेजिंदर पाल सिंह तूर और गुरप्रीत सिंह, निशानेबाज अंगदवीर सिंह और अंजुम मोदगिल ने पंजाब की नुमाइंदगी की। एक बैडमिंटन खिलाड़ी पलक कोहली पैरालंपिक में पंजाब की नुमाइंदगी करेंगी।
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