पुणे बस रेप केस: सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल

पुणे के स्वारगेट बस स्टैंड पर एक 26 वर्षीय महिला के साथ सरकारी बस में बलात्कार की घटना ने पूरे महाराष्ट्र को झकझोर कर रख दिया है। इस जघन्य अपराध के मुख्य आरोपी, दत्तात्रेय रामदास गाडे (37), अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं, और उनकी तलाश में पुलिस ने 1 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है।

घटना का विवरण

यह घटना सोमवार सुबह लगभग 5:30 बजे की है, जब पीड़िता स्वारगेट बस स्टैंड पर एक शिवशाही बस में थी। आरोपी, जो बस स्टैंड पर ही कार्यरत था, ने बस के अंदर महिला के साथ बलात्कार किया। घटना के बाद, आरोपी फरार हो गया, और पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है।

पुलिस की कार्रवाई

आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने 13 विशेष टीमें गठित की हैं, जिनमें से 8 क्राइम ब्रांच से हैं। पुलिस ने डॉग स्क्वायड और ड्रोन की मदद से आरोपी की तलाश शुरू की है, विशेषकर गन्ने के खेतों में, जहां उसके छिपे होने की संभावना है। पुलिस ने आरोपी की जानकारी देने वाले को 1 लाख रुपये के इनाम की भी घोषणा की है।

राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया

इस घटना ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में भारी आक्रोश पैदा किया है। गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने घटनास्थल का दौरा किया और इसे सुरक्षा गार्डों की लापरवाही का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि एसटी महामंडल द्वारा नियुक्त निजी सुरक्षा गार्डों की चूक के कारण यह घटना घटी है।

राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला को पत्र लिखकर तीन दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट और प्राथमिकी की प्रति प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

इस घटना ने सार्वजनिक परिवहन में महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एसटी बसों में महिलाओं को 50% छूट प्रदान की जाती है, लेकिन ऐसी घटनाएं दर्शाती हैं कि केवल छूट पर्याप्त नहीं है; सुरक्षा उपायों को भी सुदृढ़ करने की आवश्यकता है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि सरकार ऐसे अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए प्रयासरत है।

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