प्रो. वेणु गोपाल अचंता भार एवं माप की अंतर्राष्ट्रीय समिति (सीआईपीएम) का सदस्य चुना गया

सीआईपीएम एक सर्वोच्च अंतरराष्ट्रीय समिति है, जो वैश्विक रूप से भार एवं माप के विकास और कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार है। प्रो. वेणु गोपाल अचंता विभिन्न देशों से पूरी दुनिया के 18 सदस्यों में से एक हैं। वह प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय समिति में शामिल होने वाले 7वें भारतीय हैं।

एक ऐतिहासिक चुनाव में, सीएसआईआर-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (सीएसआईआर-एनपीएल), नई दिल्ली के निदेशक प्रो. वेणु गोपाल अचंता को प्रतिष्ठित भार एवं माप की अंतर्राष्ट्रीय समिति (सीआईपीएम) का सदस्य चुना गया। श्री गोपाल को फ्रांस के पेरिस में 15-18 नवंबर, 2022 के दौरान आयोजित भार एवं माप (सीजीपीएम) बैठक में सीआईपीएम का निर्वाचित सदस्य घोषित किया गया। प्रोफेसर गोपाल का चुनाव न केवल सीएसआईआर-एनपीएल और देश में मेट्रोलॉजी की उन्नति के लिए महत्वपूर्ण है, जिसमें मेट्रोलॉजी भारत सरकार के उद्योगों और राष्ट्रीय अभियानों की रीढ़ है यानि ‘आत्मनिर्भर भारत’, ‘स्वच्छ और हरित भारत’, ‘स्वस्थ भारत, सशक्त भारत’ आदि, बल्कि यह राष्ट्र के लिए गौरव की बात भी है क्योंकि यह वैश्विक निर्णय लेने में भारत की वैश्विक स्वीकार्यता और भागीदारी को बढ़ावा देता है। प्रोफेसर अचंता विभिन्न देशों के 18 निर्वाचित सदस्यों में से एक हैं और भारतीय इतिहास के 7वें व्यक्ति हैं जिनका चुनाव कुछ दशकों बाद सीआईपीएम के लिए हुआ है।

सीआईपीएम एक सर्वोच्च अंतरराष्ट्रीय समिति है जो भार एवं माप पर सामान्य सम्मेलन (सीजीपीएम) के अधिकार के अंतर्गत काम करती है, जिसे पेरिस में 20 मई 1875 को हस्ताक्षरित मीटर कन्वेंशन नामक राजनयिक संधि के रूप में एक उच्चतम अंतर-सरकारी अंतर्राष्ट्रीय संगठन का रूप प्रदान किया गया था। इसके कार्यों में वैश्विक रूप से भार एवं माप का विकास और कार्यान्वयन, जिसका सार्वभौमिक और संक्षिप्त नाम एसआई है, इसका व्यापक प्रसार और विज्ञान और प्रौद्योगिकी की उन्नति के लिए समय-समय पर आवश्यक संशोधन करना शामिल है। देश में उद्योग की उन्नति सीधे तौर पर इसकी मेट्रोलॉजी क्षमताओं पर निर्भर है।

वर्तमान में, सीजीपीएम का प्रतिनिधित्व 64 सदस्य देशों द्वारा किया जाता है और प्रत्येक चौथे वर्ष में इंटरनेशनल ब्यूरो ऑफ वेट एंड मेजर (बीआईपीएम), फ्रांस में इसकी बैठक होती है। सीआईपीएम औपचारिक रूप से अपनाने के लिए सीजीपीएम में एसआई में संशोधन, परिवर्तन करने की सलाह और सिफारिश देता है। अगर आवश्यक हो, तो यह अपने स्वयं के प्राधिकरण में माप की बुनियादी इकाइयों के बारे में प्रस्ताव और सिफारिशें भी पारित कर सकता है। सीआईपीएम का प्राथमिक उद्देश्य, जिसमें 18 सदस्य देशों के 18 सदस्य शामिल हैं, एसआई के अंतर्राष्ट्रीय सामंजस्य को बढ़ावा देना, सालाना बैठकों का आयोजन, इसकी 18 परामर्शदात्री समितियों (सीसी) द्वारा भेजी गई रिपोर्ट, जनादेश के अनुसार इसके संज्ञान में लाए गए अन्य मामले आदि। सीआईपीएम के प्रत्येक सदस्य को एक सीसी की अध्यक्षता की जिम्मेदारी मिलती है।

सीएसआईआर-एनपीएल, भारत के राष्ट्रीय मेट्रोलॉजी संस्थान (एनएमआई) 04 जनवरी, 1947 को वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), नई दिल्ली द्वारा स्थापित किया गया था। भारत सरकार ने पहली बार 1956 में “भार एवं माप के मानक अधिनियम” को अधिनियमित किया जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रत्येक नागरिक को भार एवं माप के समान मानकों तक पहुंच प्राप्त हो जिसका पता एसआई इकाइयों में लगाया जाता हैं। वर्ष 1957 में, भारत सीजीपीएम का सदस्य बना।

जून, 2022 में सीएसआईआर-एनपीएल, नई दिल्ली के निदेशक का पदभार संभालने के बाद, प्रोफेसर वेणु गोपाल अचंता मेट्रोलॉजी अभियान को न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी आगे ले जाने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। सीएसआईआर-एनपीएल के संस्थापक निदेशक डॉ. के. एस. कृष्णन सीआईपीएम में चुने गए पहले भारतीय सदस्य थे। सीआईपीएम के लिए भारत के अंतिम निर्वाचित सदस्य प्रोफेसर ईएसआर गोपाल थे, जो दशकों पहले सीएसआईआर-एनपीएल (1991-1997) के तत्कालीन निदेशक भी थे।

इस वर्ष सीजीपीएम ने सात महत्वपूर्ण संकल्पों को अपनाया है, जिनमें नए एसआई उपसर्ग रोना (10²3), क्वेटा (10³3), रोंटो (10-²2) और क्वेक्टो (10-20) शामिल हैं। इन नामकरणों के साथ-साथ, इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान (1 क्वेटोग्राम) और पृथ्वी का वजन (1 रोनाग्राम) एसआई इकाइयों में आसानी से व्यक्त किया जा सकता है। सीजीपीएम द्वारा लीप सेकंड के मुद्दों का समाधान करने की भी योजना बनायी जा रही है।

सीजीपीएम के दौरान लिए गए सभी महत्वपूर्ण निर्णयों का विवरण बीआईपीएम वेबसाइट पर उपलब्ध है-

(https://www.bipm.org/documents/20126/64811223/Resolutions-2022.pdf/281f3160-fc56-3e63-dbf7-77b76500990f).

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प्रो. वेणु गोपाल अचंता, निदेशक सीएसआईआर-एनपीएल पेरिस, फ्रांस में 27वें सीजीपीएम के दौरान

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