अप्रैल 2023 से शुरू हो सकता है देश में निजी ट्रेनों का संचालन, निजी क्षेत्र की होगी पांच फीसदी भागीदारी

न्यूज़ डेस्क : भारतीय रेलवे में निजी क्षेत्र की भागीदारी को लेकर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने कहा कि यात्री ट्रेनों के क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी का मतलब टेक्नोलॉजी में क्वांटम जंप (बड़ा परिवर्तन) मिलना है और इससे रफ्तार बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि देश में निजी ट्रेनों का संचालन अप्रैल 2023 से शुरू हो सकता है।

 

 

रेलवे नेटवर्क को पूरी तरह से सौंपे जाने की आशंकाओं को खारिज करते हुए यादव ने कहा कि यात्री ट्रेनों की केवल पांच फीसदी हिस्सेदारी निजी क्षेत्र को दी जाएगी। उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे के नेटवर्क में मौजूदा 2800 मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में निजी क्षेत्र की भागीदारी केवल पांच फीसदी होगी। 

 

 

मानकों का पालन नहीं हुआ तो लगेगा जुर्माना

उन्होंने कहा कि अगर निजी कंपनियों की ओर से ट्रेनों के संचालन में प्रदर्शन के मानकों का पालन नहीं होता है तो उनपर जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ ही यादव ने कहा कि भागीदारी के साथ-साथ ट्रेनें भी निजी कंपनियों को ही लानी होंगी और उनकी देखभाल भी उन्हीं के जिम्मे होगी। 

 

चेयरमैन ने कहा कि देश में निजी ट्रेनों का संचालन अगले साल अप्रैल से शुरू हो सकता है। इन ट्रेनों के सभी कोच मेक इन इंडिया नीति के तहत बनाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि निजी ट्रेनों में किराये को लेकर प्रतिस्पर्धा रहेगी। इसमें यातायात के अन्य साधनों जैसे एयरलाइंस और बस के किराये का ध्यान रखा जाएगा।

 

 

वेटिंग लिस्ट में आएगी कमी, बढ़ेंगी यात्री सुविधाएं

उन्होंने यह भी कहा कि रेलवे में निजी कंपनियों के आने का मतलब यह भी होगा कि ट्रेनें मांग पर उपलब्ध होंगी और यात्री प्रतीक्षा सूची में कमी आएगी। यादव ने कहा कि निजी ऑपरेटर पथ, स्टेशनों, रेलवे के बुनियादी ढांचे तक पहुंच और बिजली की खपत के लिए शुल्क भी अदा करेंगे।

 

यादव ने कहा कि निजी कंपनियों को हर हाल में समय की पाबंदी 95 फीसदी सुनिश्चित करनी होगी। प्रति एक लाख किलोमीटर की यात्रा में एक से अधिक असफलता नहीं होने देनी होगी। ऐसा न होने पर उन पर जुर्माना लगाने की कार्रवाई करने का भी प्रावधान होगा। 

 

 

पहली बार सही समय पर चलीं सौ फीसदी ट्रेन

एक जुलाई को रेलवे के इतिहास में पहली बार सौ फीसदी ट्रेनों का संचालन सही समय से हुआ। इस दिन सभी ट्रेनें अपने तय समय पर चलीं और तय समय पर गंतव्य स्टेशन पर पहुंचीं। इससे पहले इस मामले में सबसे ज्यादा सफलता 23 जून 2020 को मिली थी। तब महज एक ट्रेन लेट हुई थी जिससे यह 99.54 फीसद रहा था। 

 

पिछले महीने रेलवे ने 230 विशेष रेलगाड़ियों को चलाने में 100 फीसदी समय की पाबंदी सुनिश्चित करने के लिए अपने जोन को निर्देश दिया था। यादव ने सभी महाप्रबंधकों और मंडल रेल प्रबंधकों से यह सुनिश्चित करने को कहा था कि 15 जोड़ी राजधानी और 100 जोड़ी यात्री ट्रेनें बिना किसी देरी के अपना शेड्यूल पूरा करें।

 

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