न्यूज़ डेस्क : वर्षा झृतु का आगमन होने वाला है। हम भाग्यशाली हैं कि ईश्वर ने देश को पर्याप्त वर्षा जल प्रदान किया है। ईश्वर की इस भेंट का आदर करना हमारा कर्तव्य है। इसलिए बारिश का मौसम प्रारंभ होते ही हमें ऐसे इंतजाम करने हैं कि बारिश की पानी का हम ज्यादा से ज्यादा संचयन कर सकें।
यह मजमून है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से देश से सभी सरपंचों और ग्राम प्रधानों को लिखी निजी चिट्ठी का। शनिवार को जिलाअधिकारियों ने पीएम की इस चिट्ठी को सभी सरपंचों को अपने हाथ से पहुंचाया। पीएम ने चिट्ठी में इस सरपंचों से कहा है कि वह अपने अपने गांवों में ग्राम सभा बुलाएं और चिट्ठी पढ़ कर सुनाएं। ताकि आने वाले मौसम में सभी गांव वाले मिलकर बारिश का पानी के संचयन करें और उसका पूरा लाभ उठाएं।
चिट्ठी कि शुरुआत में पीएम ने सरपंच और उनकी पंचायत के सभी भाई-बहनों की कुशलता की कामना करते हुए लिखा है कि नए भारत का निर्माण आप सबकेसक्रिय सहयोग और सहभाग से ही संभव है। पीएम ने लिखा कि आईए, खेतों की मेड़ बंदी, नदियों और धाराओं में चेक डैम का निर्माण व तटबंदी, तालाबों की खुदाई एवं सफाई, वृक्षारोपण, वर्षा जल के संचयन हेतु टांका, जलाशय आदि का बड़ी संख्या में निर्माण करें ताकि गांव का पानी गांव में और खेत का पानी खेत में संचयित किया जा सके।
अगर हम ऐसा कर पाएं तो ना केवल पैदावार बढेगा बल्कि हमारे पास जल का बड़ा भंडार होगा जिसका हम अपने गांव के कई कार्यो में सदुपयोग कर पाएंगे। मेरा आग्र है कि आप ग्रामसभा की बैठक बुलाकर इस पत्र को सभी को पढ़ कर बताएं और इस मुद्दे पर व्यापक विचार विमर्श करें। मुझे पूरा भरोसा है कि ग्रामीण स्तर पर हम सब जल की एक एक बूंद का संचयन कर अपने परिवेश को और परिष्कृत बनाएंगे। पीएम ने आखिर में लिखा है कि स्वच्छता अभियान की तरह पानी संचयन के इस अभियान को भी जन आंदोलन बना कर इसे सफल बनाएं।
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