बुलंद हौसलों के आगे विषम परिस्थितियां भी टेक देती हैं घुटनेः राष्ट्रपति

सतना। प्रतिनिधि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘ईश्वर दिव्यांगजनों को एक विशेष प्रतिभा प्रदान करता है, जिससे वे आगे बढ़ सकते हैं। जिनके हौसले बुलंद होते हैं, उनके आगे विषम परिस्थितियां भी घुटने टेक देती हैं।’

राष्ट्रपति चित्रकूट  में स्थित जगद्गुरू रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अरुणिमा सिन्हा, इला सिंघल, चेन्नई की टिफनी और आंध्रप्रदेश के श्रीकांत बोलवा ने अपने-अपने क्षेत्रों में अद्वितीय प्रतिभा का परिचय दिया है। अरुणिमा सिन्हा ने एवरेस्ट पर विजय प्राप्त की है और इला ने आईएएस में प्रथम स्थान प्राप्त किया। टिफनी विशेष शिक्षा पद्धति पर कार्य कर रही हैं और श्रीकांत ने मेहनत व परिश्रम से फो‌र्ब्स पत्रिका में स्थान प्राप्त किया।इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति रामभद्राचार्य विशिष्ट प्रतिभा के धनी हैं और उन्होंने दिव्य नेत्रों से इतनी बड़ी संस्था का निर्माण कराया है।

रामनाथ कोविंद ने कहा कि इस विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को अपने उद्यम स्थापित करने के लिए आगे आना चाहिए, जिससे वे स्वरोजगार के साथ अन्य दिव्यांगजनों को भी रोजगार दे सकें। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा-जो असफलता प्राप्त होने पर भी हिम्मत नहीं हारता है, उसे सफलता अवश्य प्राप्त होती है।

मध्यप्रदेश के राज्यपाल ओम प्रकाश कोहली ने कहा कि लोग दिव्यांगजनों को सम्मान दें और उन्हें बोझ न समझें। कुलाधिपति रामभद्राचार्य ने कहा कि जिन छात्रों को उपाधियां प्रदान की गई हैं, वे राष्ट्र के लिए समर्पित होकर कार्य करें। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राजेंद्र दास को डीलिट् की मानद उपाधियां प्रदान की गई। मुख्यमंत्री की उपाधि परिवहन राज्यमंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने प्राप्त की। राष्ट्रपति ने दीक्षांत समारोह में 579 छात्र-छात्राओं को उपाधियां दीं। साथ ही एक चांसलर मेडल सहित 19 गोल्ड मेडल भी बांटे।

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