नई दिल्ली : आज राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने देश के नाम अपने संबोधन में कहा की भारत की आत्मा बहुलवाद और सहिसूनता में बसती है l भारत सिर्फ एक भौगिलोक सत्ता नहीं होते हुए इसमे विचार, दर्शन, शिल्प, और बहुत सी चीजे है साथ ही इसमे इतिहास का अनुभव भी है l संस्कृति, पथ , और भाषा की विविधता भारत को विशेष बनाती है l
साथ ही मुखर्जी ने देश में बढ़ती हिंसा पर कहा की आसपास हो रही हिंसा को हमें जन संवाद और मौखिक सभी तरह की हिंसा से मुक्त रखना चाहिय l उन्होने कहा की एक अहिंसक समाज ही लोकतान्त्रिक प्रक्रिया मे लोगो के सभी वर्गों विशेषकर पिछडे और वंचितों की भागीदारी सुनिश्चित कर सकता है l हमें एक सहानुभूतिपूर्ण और एक जिम्मेदार समाज के निर्माण के लिए अहिंसा की शक्ति को वापिस जागृत करना होगा l उन्होने अपने राष्ट्रपति काल के दौरान किये हुए कार्यो का भी जिक्र किया l साथ ही उन्होने नये राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को बधाई दी l
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