यह एक बार फिर से फिल्मों का उत्सव मनाने का समय है। अच्छा, क्या हमने आपको यह कहते सुना है कि आप हमेशा फिल्मों का उत्सव मनाते रहे हैं? सुख में भी, दुःख में भी, जागते हुए भी, नींद में भी और स्वप्न में भी?
जी हां, शाश्वत प्रेम और कालातीत उत्सव की इस भावना को हम – हम में से सभी – आत्मसात करना व संजोना और उसमें खुद को सराबोर करना चाहते हैं।
और ‘लोगों के द्वारा एवं लोगों के लिए’ की यही भावना भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के पीछे की ताकत है।
इसी भावना ने पीआईबी इफ्फी कास्ट एंड क्रू के हम सभी सदस्यों को भी इफ्फीलॉईड का पहला इफ्फी53 संस्करण लाने के लिए प्रेरित किया है।
हमें पता चला है कि इफ्फीलॉईड ने फिल्म प्रेमियों के दिल को छू लिया है। यह हमारी विनम्र आकांक्षा है कि हम निरंतर ऐसा करते जायें और बेहतर होते जायें।
आइए, हम फिल्मों – और जीवन – का उत्सव एक साथ मनाएं।
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