न्यूज़ डेस्क : केंद्र सरकार छोटे शहरों की उड़ान और सस्ती करेगी। सरकार इसके लिए देश के 15 डिफेंस एयरपोर्ट पर लैंडिंग चार्ज खत्म करने की तैयारी कर रही है, ताकि यहां हवाई कंपनियों के छोटे विमानों की कम लागत में उड़ान संभव हो सके। सरकार की यह कवायद छोटे शहरों को हवाई मार्ग से जोड़ने और आम आदमी के लिए सस्ती यात्रा कराने की उड़ान योजना को मजबूत बनाने के तहत है।
सरकार के अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि 80 सीटों की क्षमता वाले विमानों के लिए लैंडिंग शुल्क पूरी तरह खत्म किया जा सकता है। यह शुल्क एयरलाइन द्वारा प्रत्येक लैंडिंग के दौरान हवाई जहाज के भार के हिसाब से अदा किया जाता है। लागत में कमी के बाद विमानन कंपनियां किराये में कमी भी कर सकती हैं। अभी लैंडिंग चार्ज के तौर पर सात से 35 हजार रुपये तक वसूले जाते हैं।
विमानन कंपनियों ने नागरिक विमानन मंत्रालय से इन 15 डिफेंस एयरपोर्ट पर 80 से कम सीटों वाले विमानों की उड़ान के लिए लैंडिंग चार्ज खत्म करने का अनुरोध किया था, जहां पहले से निजी विमान उड़ान भर रहे हैं। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, नागरिक विमानन सचिव जल्द ही इस मुद्दे पर रक्षा मंत्रालय से बात करेंगे, ताकि उसकी मंजूरी हासिल की जा सके। उड्डयन मंत्रालय के अधिकारियों का भी मानना है कि क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ाने और हवाई किराये को किफायती बनाए रखने के लिए यह कदम अहम साबित हो सकता है।
डिफेंस एयरपोर्ट भारतीय वायुसेना के अधिकार क्षेत्र में आते हैं और इनका सामान्यता एयरबेस के तौर पर इस्तेमाल होता है। इनमें से कुछ एयरपोर्ट को सिविल इनक्लेव की मान्यता देकर एक हिस्सा भारतीय विमानन प्राधिकरण (एएआई) को दे दिया जाता है और इसके बाद यहां व्यावसायिक उड़ानें भी भरी जाती हैं। उड्डयन मंत्रालय के अधीन एएआई देश में सौ से ज्यादा हवाईअड्डों का संचालन करता है।
रक्षा मंत्रालय ने भी लैंडिंग शुल्क खत्म करने के प्रस्ताव को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया है। लेकिन अभी कोई आधिकारिक फैसला नहीं हुआ है। फिलहाल स्पाइसजेट क्यू400 और इंडिगो एटीआर एयरक्राफ्ट विमानों का इस्तेमाल करती है, जिनमें 80 से कम सीटें हैं।
दो साल की मुहिम रंग ला रही : उड़े देश का आम नागरिक यानी उड़ान योजना की शुरुआत 13 अप्रैल 2017 से शुरू हुई थी, जिसके तहत 500 किलोमीटर तक की दूरी वाले शहरों को हवाई मार्ग से जोड़ा जा रहा है। उड़ान के तहत हवाई किराया 2500 रुपये से कम रखा जाता है और इससे ज्यादा लागत का वहन केंद्र सरकार करती है। 35 शहरों को अब तक योजना के दायरे में लाया जा चुका है।
उड़ान को मिलेगा बल
35 से ज्यादा शहरों को उड़ान योजना से जोड़ा गया
100 से ज्यादा क्षेत्रीय एयरपोर्ट को इससे जोड़ा जाएगा
56 एयरपोर्ट और 31 हेलीपैड अब तक इससे जोड़े गए
100 से ज्यादा छोटे विमान उड़ान भर रहे योजना के तहत
सरकार का बड़ा लक्ष्य
30 करोड़ घरेलू हवाई टिकट बेचने का लक्ष्य 2022 तक
70 फीसदी हवाई परिवहन अभी मेट्रो शहरों के बीच
2019 के अंत तक उड़ान 3.0 के तहत विदेशी उड़ानें भी
100 प्रस्ताव मिले, थाईलैंड, काठमांडू व ढाका की उड़ानें
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