बजट से पहले जीएसटी में संशोधन की तैयारी, छोटे कारोबारियों को मिलेगी बड़ी राहत

नई दिल्ली। आम बजट से ठीक पहले कई दर्जन उत्पादों और सेवाओं पर जीएसटी की दरें घटाकर राहत देने के बाद सरकार अब जीएसटी कानूनों में संशोधन की तैयारी कर रही है। इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए टर्नओवर की गणना से संबंधित प्रावधान में बदलाव किया जा सकता है। ऐसा होने पर छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत मिलेगी।

दरअसल केंद्रीय जीएसटी कानून की धारा 22 के तहत सामान्य श्रेणी के राज्यों में 20 लाख रुपये से अधिक सालाना टर्नओवर वाले कारोबारियों को जीएसटी के लिए पंजीकरण कराना आवश्यक होता है। हालांकि टर्नओवर की परिभाषा में उन वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति को भी शामिल कर लिया जाता है जो गैर-कर योग्य हैं। गैर-कर योग्य वस्तुएं या सेवाएं ऐसी हैं जिन पर जीएसटी नहीं लगता।

सूत्रों ने कहा कि काउंसिल अब टर्नओवर की गणना से गैर-करयोग्य आपूर्ति को निकालने के लिए सीजीएसटी कानून की धारा 2 (6) और धारा 22 में जरूरी बदलाव करने पर विचार कर रही है। इसके तहत धारा 22 में अलग से एक स्पष्टीकरण जोड़ा जाएगा जिसमें साफ तौर पर लिखा होगा कि कुल टर्नओवर की परिभाषा में गैर-करयोग्य आपूर्ति शामिल नहीं है। ऐसा होने पर उन कारोबारियों को राहत मिलेगी जो बड़ी मात्र में गैर-करयोग्य वस्तुओं और सेवाओं का कारोबार करते हैं।

सूत्रों ने कहा कि जीएसटी काउंसिल ने सीजीएसटी, एसजीएसटी और आइजीएसटी कानूनों में बदलाव के लिए जिस समिति का गठन किया था, उसने इस आशय की सिफारिश की थी जिसके बाद यह कदम उठाया जा रहा है। गुरुवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की 25वीं बैठक में इस पर विचार किया गया था। सूत्रों ने कहा कि काउंसिल आने वाली बैठकों में इस संबंध में एक संशोधन विधेयक का मसौदा तैयार कर सकती है। इसके बाद आगामी बजट सत्र में सरकार सीजीएसटी कानून में बदलाव के लिए जरूरी विधेयक संसद में पेश कर सकती है।

बढ़ सकती है कंपोजीशन स्कीम की सीमा: सूत्रों ने कहा कि सीजीएसटी कानून में बदलाव कर कंपोजीशन स्कीम की सीमा को भी बढ़ाकर अधिकतम दो करोड़ रुपये सालाना टर्नओवर किया जा सकता है। हालांकि अभी कंपोजीशन स्कीम के लिए सीमा 1.5 करोड़ रुपये है। इसे पिछले महीनों में बढ़ाया गया था।

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