JDU से निकाले गये प्रशांत किशोर , जा सकते है तृणमूल कांग्रेस मे

न्यूज़ डेस्क : पश्चिम बंगाल के राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि प्रशांत किशोर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। प्रशांत किशोर को जद(यू) ने बुधवार को पार्टी से निष्कासित कर दिया। संपर्क किए जाने पर तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने इस तरह के किसी घटनाक्रम की पुष्टि नहीं की लेकिन निकट भविष्य में इस तरह की संभावनाओं को खारिज भी नहीं किया है।

 

 तृणमूल कांग्रेस के लिए चुनावी रणनीतिकार की भूमिका निभा रहे किशोर से कई बार संपर्क करने की कोशिशें की गईं लेकिन जवाब नहीं मिला। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तरह किशोर भी संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर की आलोचना करते रहे हैं।

तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक, पार्टी की सुप्रीमो बनर्जी के साथ किशोर के बहुत अच्छे संबंध हैं। तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने संवाददाताओं से कहा, चुनावी रणनीतिकार के तौर पर प्रशांत किशोर ने पार्टी के लिए बहुत अच्छा काम किया है। अब वह तृणमूल कांग्रेस से जुड़ेंगे या नहीं, इस बारे में वह (किशोर) और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व फैसला करेंगे।

नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर तृणमूल कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि अगर किशोर पार्टी से जुड़ना चाहें तो उनका खुले दिल से स्वागत होगा क्योंकि उनके जैसा रणनीतिकार 2021 के विधानसभा चुनाव के पहले पार्टी से जुड़े, यह उपलब्धि होगी।

बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लंबी खींचतान के बाद पार्टी उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर और पूर्व राज्यसभा सांसद पवन वर्मा को पार्टी से निकाल दिया। जेडीयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि ये दोनों नेता लगातार पार्टी के खिलाफ सवाल खड़े कर रहे थे।

साथ में दोनों लगातार पार्टी नेतृत्व पर भी सवाल खड़ा कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश ने उन्हें बार-बार कहा था कि वे अपनी बात को पार्टी के सही मंच पर रखें। मगर इन लोगों ने लगातार आवाज बुलंद की और इसलिए पार्टी ने यह निर्णय लिया। 

पार्टी महासचिव केसी त्यागी की ओर से जारी बयान के मुताबिक ये लोग पार्टी फैसलों के खिलाफ काम कर रहे थे और यह अनुशासनहीनता है। पार्टी ने किशोर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ ‘असभ्य शब्दों’ का प्रयोग करने का आरोप लगाया। जेडीयू ने कहा, ‘किशोर को पार्टी से हटाना जरूरी हो गया था ताकि वह और नीचे न गिरें।’

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