न्यूज़ डेस्क : विदेश मंत्री के तौर पर अपने पहले 100 दिन का ब्योरा दे रहे एस जयशंकर ने पाकिस्तान पर भी निशाना साधा। पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) को उन्होंने भारत का अभिन्न हिस्सा बताया। उन्होंने कहा, ‘पाक अधिकृत कश्मीर वैधानिक रूप से हिस्सा है। हम उस दिन का इंतजार कर रहे हैं जब वह भी भारत के अधिकार क्षेत्र में आ जाएगा।’
पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि भारत ‘पड़ोस प्रथम’की नीति को आगे बढ़ा रहा है लेकिन उसके समक्ष एक पड़ोसी की ‘अलग तरह की चुनौती’ है। इसे सामान्य व्यवहार करने और सीमापार आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत है।
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में विदेश मंत्री के तौर पर कार्यभार संभालने के बाद अपने पहले संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने अपने मंत्रालय के कामकाज के 100 दिनों की उपलब्धियां भी गिनाईं। उन्होंने कहा कि इस अवधि में सरकार की महत्वपूर्ण उपलब्धियां राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के लक्ष्यों के बीच मजबूत संबंध स्थापित करने की है।
‘अब दुनिया गंभीरता से सुनती है भारत की आवाज’: विदेश मंत्री ने कहा, ‘भारत की आवाज अब वैश्विक मंच पर कहीं अधिक सुनी जा रही, चाहे वह जी 20 हो या जलवायु सम्मेलन हो।’ उन्होंने कहा कि सरकार के पहले 100 दिनों के कार्यकाल में ‘पड़ोस प्रथम’ को मजबूती से आगे बढ़ाया गया और खास तौर पर सम्पर्क एवं वाणिज्य पर जोर दिया गया। प्रधानमंत्री ने पड़ोस में मालदीव, श्रीलंका, भूटान जैसे देशों की यात्रा की।
विदेश मंत्री ने कहा कि वह स्वयं भूटान, बांग्लादेश, मालदीव गए। इन यात्राओं के दौरान परियोजनाओं पर ध्यान देने के साथ ही कारोबारी संबंध तथा लोगों के बीच संबंधों पर खास जोर दिया गया।
पाकिस्तान का नाम लिये बिना उन्होंने कहा, ‘‘ हमें एक पड़ोसी से अलग तरह की चुनौती है, उसके एक सामान्य पड़ोसी बनने और आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने तक यह बनी रहेगी। ’जयशंकर ने यह भी कहा कि सीमा पार से होने वाले आतंकवाद, अनुच्छेद 370 को हटाये जाने जैसे मुद्दे पर भारत के पक्ष से वैश्विक जगत को अवगत कराया गया।’
‘घरेलू और विदेशी नीति के बीच बहुत मजबूत संबंध’ : विदेश मंत्री के तौर पर अपने पहले 100 दिन के कार्यकार के बारे में बताया। उन्होंने कहा, ‘घरेलू और विदेशी नीति के बीच बहुत मजबूत संबंध है। हमारे राष्ट्रीय नीति लक्ष्यों और विदेश नीति के लक्ष्यों के बीच का संबंध मजबूत हो गया है।’
विदेश नीति के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, ‘प्रवासी आगे हैं और कई मायनों में हमारी विदेश नीति का एक अनूठा पहलू हैं। अमेरिका में भारती-अमेरिकी समुदाय की ओर से होने वाला बड़ा प्रवासी सम्मेलन इसके महत्व को प्रदर्शित करेगा।’
‘अफ्रीका में खुलेंगे 18 भारतीय दूतावास’ : विदेश मंत्री ने कहा, ‘पिछले 100 दिनों में हम अफ्रीका में काफी सक्रिय रहे हैं। हम अपनी अफ्रीकी प्रतिबद्धताओं के मामले में सही रास्ते पर हैं। अफ्रीका में 18 दूतावास खोलने का काम चल रहा है।’
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