प्रधानमंत्री ने वित्त मंत्रालय और कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय के प्रतिष्ठित सप्ताह समारोह का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री ने क्रेडिट लिंक्ड सरकारी योजनाओं के लिए राष्ट्रीय पोर्टल – जन समर्थ पोर्टल का शुभारम्भ किया

जनभागीदारी बढ़ने से देश के विकास को गति मिली है और इसने सबसे गरीब लोगों को सशक्त बनाया है: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज यहां वित्त मंत्रालय और कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के प्रतिष्ठित सप्ताह समारोह का उद्घाटन किया। इस सप्ताह को 6 से 12 जून 2022 तक ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ (एकेएएम) के हिस्से के रूप में वित्त मंत्रालय और कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा मनाया जा रहा है। केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण, कॉर्पोरेट मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री श्री राव इंद्रजीत सिंह, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी और केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत किसनराव कराड भी उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए।

 

प्रधानमंत्री ने क्रेडिट लिंक्ड सरकारी योजनाओं के लिए राष्ट्रीय पोर्टल – जन समर्थ पोर्टल का शुभारम्भ किया।

 

प्रधानमंत्री ने एक डिजिटल प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया जो पिछले आठ वर्षों में दोनों मंत्रालयों की यात्रा के बारे में है।

 

प्रधानमंत्री ने ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ को समर्पित एक, दो, पांच, दस और बीस रुपये मूल्यवर्ग के नए सिक्कों की विशेष श्रृंखला जारी की। दृष्टिबाधित व्यक्ति भी इन सिक्कों को पहचान सकेंगे।

 

इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जिसने भी स्वतंत्रता के लंबे संघर्ष में भाग लिया, उसने इस आंदोलन में एक अलग आयाम जोड़ा और इसकी ताकत को बढ़ाया। किसी ने सत्याग्रह का मार्ग अपनाया, किसी ने हथियार का मार्ग चुना, किसी ने आस्था और आध्यात्मिकता का, तो किसी ने बौद्धिक रूप से स्वतंत्रता की लौ को प्रज्वलित रखने में मदद की, आज का दिन है जब हम उनके योगदान को स्वीकार करते हैं।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि आज जब हम स्वतंत्रता के 75 वर्ष मना रहे हैं तो प्रत्येक देशवासी का यह कर्तव्य है कि वह अपने स्तर पर राष्ट्र के विकास में विशेष योगदान दें। उन्होंने कहा कि यह हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों में नई ऊर्जा भरने और खुद को नए संकल्पों के लिए समर्पित करने का क्षण है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने पिछले आठ वर्षों में विभिन्न आयामों पर भी काम किया है। इस अवधि के दौरान देश में जो जनभागीदारी बढ़ी है, उसने देश के विकास को गति दी है और देश के सबसे गरीब नागरिकों को सशक्त बनाया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान ने गरीबों को सम्मान के साथ जीने का मौका दिया। पक्के मकान, बिजली, गैस, पानी और मुफ्त इलाज जैसी सुविधाओं ने गरीबों की गरिमा को बढ़ाया और उनकी सुविधाओं में सुधार किया। कोरोना काल में मुफ्त राशन की योजना ने 80 करोड़ से अधिक नागरिकों को भूख के भय से मुक्त किया। उन्होंने कहा कि “हम वंचितों की मानसिकता से बाहर आने और बड़े सपने देखने के लिए नागरिकों में एक नया आत्म-विश्वास देख रहे हैं।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि देश ने अतीत में सरकार केंद्रित शासन का खामियाजा उठाया है। लेकिन,  आज 21वीं सदी का भारत जन-केंद्रित शासन के नजरिए से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि पहले यह लोगों की जिम्मेदारी थी कि वे योजनाओं का लाभ लेने के लिए सरकार के पास जाएं। अब शासन को लोगों तक ले जाने और उन्हें विभिन्न मंत्रालयों और वेबसाइटों के चक्कर लगाने से मुक्त करने पर जोर दिया जा रहा है। क्रेडिट लिंक्ड सरकारी योजनाओं के लिए राष्ट्रीय पोर्टल – जन समर्थ पोर्टल का शुभारंभ इस दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि यह पोर्टल छात्रों, किसानों, व्यापारियों, और एमएसएमई उद्यमियों के जीवन में सुधार करेगा और उनके सपनों को साकार करने में मदद करेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई भी सुधार, यदि उसके उद्देश्य और लक्ष्य स्पष्ट हों और उसके क्रियान्वयन में गंभीरता हो तो अच्छे परिणाम तय होते हैं। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि पिछले आठ वर्षों में देश में किए गए सुधारों के केंद्र में हमारे देश के युवाओं को रखा गया है। इससे उन्हें अपनी क्षमता दिखाने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि, “हमारे युवा आसानी से अपनी मनचाही कंपनी खोल सकते हैं, वे अपना उद्यम आसानी से शुरू कर सकते हैं, और वे उन्हें आसानी से चला भी सकते हैं। इसलिए 30 हजार से अधिक अनुपालनों को कम करके, 1500 से अधिक कानूनों को समाप्त करके और कंपनी अधिनियम के कई प्रावधानों को कम करके हमने सुनिश्चित किया है कि भारतीय कंपनियां न केवल आगे बढ़ें बल्कि नई ऊंचाइयों को भी हासिल करें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सुधारों में सरकार सरलीकरण को बढ़ावा दे रही है है। जीएसटी ने अब केंद्र और राज्य के कई करों के जाल को हटा दिया है। इस सरलीकरण का परिणाम देश भी देख रहा है। उन्होंने कहा कि अब जीएसटी संग्रह का हर महीने एक लाख करोड़ रुपये को पार करना सामान्य हो गया है। उन्होंने कहा कि जीईएम पोर्टल से सरकारी खरीद में नई आसानी आई है और सरकार को बेचना बहुत आसान बना दिया है। प्रधानमंत्री ने बताया कि पोर्टल से खरीद का आंकड़ा 1 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है। उन्होंने उन पोर्टलों का भी जिक्र किया जिनसे व्यापार करने में आसानी हो रही है। उन्होंने निवेश के अवसरों की जानकारी के लिए इन्वेस्ट इंडिया पोर्टल, व्यावसायिक औपचारिकताओं के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस पोर्टल के बारे में बात की। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘इस श्रृंखला में यह जन समर्थ पोर्टल देश के युवाओं और स्टार्टअप इकोसिस्टम की मदद करने वाला है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि “आज जब हम सुधार, सरलीकरण और सहजता की ताकत के साथ आगे बढ़ते हैं, तो हम एक नए स्तर की सुविधा प्राप्त करते हैं … हमने पिछले 8 वर्षों में दिखाया है कि अगर भारत सामूहिक रूप से कुछ करने का फैसला करता है तो भारत दुनिया के लिए एक नई आशा बन जाता है। आज दुनिया हमें न केवल एक बड़े उपभोक्ता बाजार के रूप में देख रही है बल्कि हमें एक सक्षम, बदलाव लाने वाला, रचनात्मक, नवाचार परितंत्र के रूप में आशा और विश्वास के साथ देख रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया का एक बड़ा हिस्सा चाहता है कि भारत समस्याओं का समाधान करे। यह संभव इसलिए हो पाया है क्योंकि पिछले 8 वर्षों में हमने आम भारतीय की काबिलियत पर भरोसा किया है। प्रधानमंत्री ने यूपीआई की उपलब्धि का जिक्र करते हुए कहा कि “हमने जनता को विकास में काबिल प्रतिभागियों के रूप में प्रोत्साहित किया। हमने हमेशा पाया है कि सुशासन के लिए जो भी तकनीक लागू की जाती है, उसे न केवल लोगों द्वारा अपनाया जाता है, बल्कि उनकी सराहना भी की जाती है।”

इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने प्रतिष्ठित सप्ताह समारोह का उद्घाटन करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस सप्ताह के दौरान, हम देखेंगे कि वित्त मंत्रालय और कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय के प्रत्येक विभाग ने किस तरह देश की सेवा की है। 1947 से भारत की अर्थव्यवस्था में प्रगति विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से देखी जा रही है।

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि, ” लोगों का लोगों के बीच संपर्क बनाने, वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय ने इन 75 वर्षों में क्या किया है, इस पर जागरूकता पैदा करने पर जोर दिया गया है, न कि विशेष रूप से हमारे प्रधानमंत्री के नेतृत्व में दोनों मंत्रालयों ने पिछले 8 वर्षों में क्या किया है। मंत्री… वित्तीय समावेशन की कहानी इस वीडियो (रुपये का रोचक सफर) में कैद की गई है जो हमें दिखाया जा रहा है। इस तरह के वित्तीय समावेशन के प्रभाव के परिणामस्वरूप आम नागरिकों के लिए क्रेडिट का अधिक कवरेज हुआ है।”

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि, “आम लोगों के लिए कई अच्छी तरह से डिजाइन किए गए कार्यक्रम हैं, जिन्हें पिछले 8 वर्षों में प्रधानमंत्री ने खुद देखे हैं। जन समर्थ पोर्टल आम नागरिक को सक्षम बनाने और उनकी सुविधा के लिए प्रधानमंत्री की आम लोगों की सेवा का हिस्सा है।”

 

वित्त मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि पिछले दो वर्षों में इस तरह के बहुत ही लक्षित सोच ने हमें अच्छे परिणाम दिए हैं। आम नागरिकों की हर तरह से देखभाल की गई है, चाहे वह खाद्य सुरक्षा की आवश्यकता हो, या असाधारण परिस्थितियों से गुजरी भारतीय अर्थव्यवस्था का सामना करने में सक्षम होने के लिए कुछ धन की आवश्यकता हो।

 

इससे पहले अपने स्वागत भाषण में वित्त सचिव डॉ. टी. वी. सोमनाथन ने पिछले 8 वर्षों में राजकोषीय नीतियों को विकसित करने में मंत्रालय को प्रेरित करने और मार्गदर्शन करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि आगामी प्रतिष्ठित सप्ताह समारोह में वित्त मंत्रालय और कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय न केवल अपनी मजबूती और उपलब्धियों को प्रदर्शित करने का प्रयास करेंगे, बल्कि लोगों से सुझाव और विचार भी मांगेंगे। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य 2047 के भारत के लिए नए विचारों के माध्यम से सुशासन के सपने को पूरा करना है।

 

जन समर्थ पोर्टल के बारे में

“जन समर्थ” 13 सरकारी योजनाओं के आवेदन जमा करने और 125 से अधिक एमएलआई (सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों सहित) में से चुनने के लिए एक ही जगह पर सभी सुविधा (सिंगल विंडो सुविधा) प्रदान करता है। यह सीबीडीटी, जीएसटी, उद्यम, एनईएसएल, यूआईडीएआई, सिबिल आदि के साथ उसी वक्त जांच (रियल टाइम चेक) से ऋण की प्रक्रिया तेजी से पूरी करना सुनिश्चित करता है। “जन समर्थ” पोर्टल कृषि, आजीविका और शिक्षा श्रेणियों के तहत सरकारी योजनाओं के तहत ऋण की सुविधा प्रदान करेगा। 13 सरकारी योजनाएं पहले से ही जन समर्थ पोर्टल पर हैं और इसमें और भी योजनाओं को शामिल किया जाएगा। “जन समर्थ” पोर्टल पात्रता की जांच करेगा, सैद्धांतिक मंजूरी देगा और आवेदन को चयनित बैंक को भेजेगा। यह लाभार्थियों को ऋण प्रक्रिया के प्रत्येक चरण की नवीनतन जानकारी से अवगत भी कराएगा। बैंक शाखाओं में एक से अधिक बार जाने की आवश्यकता नहीं है।

 

रुपये का रोचक सफर:

 

जन समर्थ पोर्टल:

वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय की डिजिटल प्रदर्शनी:

Comments are closed.