प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रोजगार मेले के तहत 71,000 नियुक्ति पत्र वितरित किए
उन्होंने नव-नियुक्तों से बातचीत की
“नियमित रोज़गार मेले इस सरकार की पहचान बन गए हैं”
“केन्द्र सरकार की नौकरियों में, भर्ती प्रक्रिया कही अधिक सुव्यवस्थित और समयबद्ध हो गई है”
“पारदर्शी भर्ती और पदोन्नति से युवाओं में विश्वास पैदा होता है”
“नागरिक सदैव सही होता है” के रूप में सेवा भाव से कार्य करें”
“प्रौद्योगिकी के माध्यम से स्व-शिक्षण आज की पीढ़ी के लिए एक अवसर है”
“आज का भारत तेजी से हो रहे विकास को देख रहा है जिससे स्वरोजगार के अवसरों के व्यापक विस्तार को बढावा मिल रहा है ”
“आपको सीखना होगा और देश को आगे ले जाने के लिए खुद को सक्षम बनाना होगा”
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सरकारी विभागों और संगठनों में भर्ती हुए लगभग 71,000 नव-नियुक्तों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। यह रोजगार मेला रोजगार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में बढ़ाया गया एक कदम है। यह उम्मीद है कि रोजगार मेला रोजगार सृजन को आगे बढ़ाने के बारे में एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा और युवाओं को उनके सशक्तिकरण और राष्ट्रीय विकास में भागीदारी के लिए सार्थक अवसर उपलब्ध कराएगा।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने नव-नियुक्त पदाधिकारियों से बातचीत भी की।
पश्चिम बंगाल की सुश्री सुप्रभा बिस्वास, को पंजाब नेशनल बैंक में सेवा करने के लिए नियुक्ति पत्र मिला है जो प्रधानमंत्री के साथ बातचीत करने वाली पहली महिला थीं। उन्होंने नियुक्ति की औपचारिकताएं शीघ्र पूरी करने और सेवा करने का अवसर देने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने उनसे पढ़ाई जारी रखने के बारे में भी पूछा। उन्होंने आईजीओटी मॉड्यूल के साथ अपने जुड़ाव के बारे में जानकारी देते हुए मॉड्यूल के लाभों के बारे में विस्तार से बताया। श्री मोदी ने उनकी नौकरी में डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के बारे में भी पूछताछ की। प्रधानमंत्री ने लड़कियों के हर क्षेत्र में आगे बढ़ने पर प्रसन्नता जाहिर की।
श्रीनगर (जम्मू और कश्मीर) के श्री फैसल शौकत शाह को एनआईटी, श्रीनगर में कनिष्ठ सहायक के रूप में नियुक्त किया गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ बातचीत की और बताया कि वह अपने परिवार के पहले ऐसे सदस्य हैं जो सरकारी नौकरी में आए हैं। प्रधानमंत्री ने उनसे उनकी इस नियुक्ति का उनके साथियों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पूछा। फैसल ने प्रधानमंत्री को बताया कि उनके दोस्त सरकारी नौकरी में जाने के लिए काफी प्रेरित अनुभव कर रहे हैं। उन्होंने आईजीओटी मॉड्यूल के लाभों से भी अवगत कराया। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें यह विश्वास है कि फैसल जैसे युवा के माध्यम से जम्मू-कश्मीर के युवा नई ऊंचाइयों तक पहुंचेंगे। उन्होंने युवा नव-नियुक्तों को निरंतर सीखते रहने के लिए भी कहा।
मणिपुर की सुश्री वाहनी चोंग को एम्स, गुवाहाटी में एक नर्सिंग ऑफिसर के रूप में नियुक्ति पत्र मिला। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के स्वास्थ्य क्षेत्र का हिस्सा बनना उनका सपना था। वह भी दूसरों की तरह, अपने परिवार से सरकारी नौकरी में नियुक्त होने वाली पहली उम्मीदवार हैं। प्रधानमंत्री ने उनसे चयन प्रक्रिया के दौरान आने वाली बाधाओं के बारे में पूछा और उनसे अपना अनुभव साझा करने के लिए कहा। सुश्री चोंग ने निरंतर सीखने की इच्छा भी व्यक्त की। उन्होंने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से निपटने वाले प्रावधानों के बारे में संवेदीकरण और सीखने की भी जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में नियुक्ति के लिए उन्हें बधाई दी और कहा कि सरकार इस क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
बिहार के एक दिव्यांग श्री राजू कुमार को भारतीय पूर्वी रेलवे में एक जूनियर इंजीनियर के रूप में नियुक्ति पत्र मिला। राजू, एक दिव्यांग है। उन्होंने अपनी यात्रा के बारे में बताया और जीवन में आगे बढ़ने की इच्छा भी व्यक्त की। उन्होंने अपने सहयोगियों और परिवार से मिले समर्थन के बारे में भी बात की। राजू ने कर्मयोगी प्रारंभ कोर्स के 8 पाठ्यक्रम किए हैं और तनाव प्रबंधन तथा आचार संहिता के पाठ्यक्रम से उन्हें बहुत लाभ मिला है। उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि वह यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा के लिए प्रयास करेंगे। प्रधानमंत्री ने उनकी इस यात्रा के लिए उन्हें शुभकामनाएं दीं।
तेलंगाना के कन्नमला वामसी कृष्णा को कोल इंडिया लिमिटेड में प्रबंधन प्रशिक्षु के रूप में नियुक्ति पत्र मिला है। प्रधानमंत्री ने उनके माता-पिता की कड़ी मेहनत और कठिनाइयों का उल्लेख किया और नए प्रशिक्षु ने भी अपनी यात्रा का स्मरण किया तथा रोजगार मेले के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। कन्नमला वामसी कृष्णा ने भी इस मॉड्यूल को विशेष रूप बहुत उपयोगी पाया, क्योंकि यह मोबाइल फोन पर उपलब्ध है। श्री मोदी ने उन्हें शुभकामनाएं दी और आशा व्यक्त की कि वे अपने करियर में लगातार सीखते रहेंगे।
उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह वर्ष 2023 का पहला रोज़गार मेला है जो 71,000 परिवारों के लिए सरकारी रोज़गार का कीमती उपहार लेकर आया है। प्रधानमंत्री ने नव-नियुक्त किए गए उम्मीदवारों को बधाई दी और कहा कि रोजगार के ये अवसर न केवल नियुक्त किए गए लोगों में बल्कि करोड़ों परिवारों में आशा की नई किरण जगाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में लाखों नए परिवारों को सरकारी नौकरियों में नियुक्त किया जाएगा क्योंकि एनडीए शासित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में रोजगार मेले नियमित रूप से आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि असम सरकार ने कल ही रोजगार मेले का आयोजन किया था और बहुत जल्द मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तराखंड जैसे राज्य रोजगार मेले आयोजित करने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि नियमित रोजगार मेले इस सरकार की निशानी बन गए हैं। वे दिखाते हैं कि इस सरकार ने जो भी संकल्प लिया है, वह साकार हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह नव-नियुक्तों के चेहरों पर खुशी और संतुष्टि के भाव स्पष्ट रूप से देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से अधिकतर उम्मीदवार सामान्य पृष्ठभूमि से आए हैं और कई तो अपने परिवार में पांच पीढ़ियों में सरकारी नौकरी पाने वाले पहले व्यक्ति हैं। प्रधानमंत्री ने कहा यह अनुभव का यह आनंद सरकारी नौकरी पाने से भी बड़ा है। अभ्यर्थी खुश हैं कि एक पारदर्शी और स्पष्ट भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से उनकी प्रतिभा को पहचान मिली है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आपने भर्ती प्रक्रिया में भारी बदलाव अनुभव किया होगा। केंद्रीय नौकरियों में, भर्ती प्रक्रिया अधिक सुव्यवस्थित और समयबद्ध हो गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता और गति आज सरकार के कामकाज के हर पहलू की विशेषता है। श्री मोदी ने उस समय को याद किया जब नियमित पदोन्नति भी देरी और विवादों में फंस जाती थी। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने ऐसे मुद्दों का समाधान किया है और एक पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित की है। उन्होंने कहा, “पारदर्शी भर्ती और पदोन्नति से युवाओं में विश्वास पैदा होता है।”
इस बात पर जोर देते हुए कि यह उन लोगों के लिए एक नई यात्रा की शुरुआत है जिन्हें आज नियुक्ति पत्र प्राप्त हुए हैं, प्रधानमंत्री ने उन योगदानों और भागीदारियों पर भी प्रकाश डाला जिनका वे राष्ट्र की विकास यात्रा में सरकारी मशीनरी का हिस्सा बनकर निर्माण करेंगे। उन्होंने कहा कि कई नव-नियुक्त अभ्यर्थी सरकार के प्रत्यक्ष प्रतिनिधियों के रूप में आम जनता के साथ बातचीत करेंगे और वे अपने तरीके से प्रभाव का सृजन करेंगे। व्यापार और उद्योग की दुनिया में कहावत है कि उपभोक्ता हमेशा सही होता है, की तुलना करते हुए, प्रधान मंत्री ने टिप्पणी की कि ‘नागरिक हमेशा सही होता है’ के इसी प्रकार के मंत्र को प्रशासन में लागू किया जाना चाहिए। “यह सेवा भाव की भावना को जन्म देता है और इसे मजबूत भी करता है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि जब किसी को सरकारी विभाग में नियुक्त किया जाता है, तो इसे सरकारी सेवा कहा जाता है न कि नौकरी। उन्होंने 140 करोड़ भारतीय नागरिकों की सेवा से प्राप्त हुए अनुभव पर भी प्रकाश डाला और कहा कि इसका लोगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
आईजीओटी कर्मयोगी प्लेटफॉर्म पर कई सरकारी सेवकों के ऑनलाइन पाठ्यक्रमों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आधिकारिक प्रशिक्षण के अलावा इस प्लेटफॉर्म पर व्यक्तिगत विकास के कई कोर्स भी उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी के लिए प्रौद्योगिकी के माध्यम से स्व-अध्ययन एक अवसर है। श्री मोदी ने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने अपने अंदर के छात्र को कभी मरने नहीं दिया। उन्होंने कहा, “स्वयं सीखने की प्रवृत्ति से शिक्षार्थी, उसके संस्थानों और भारत की क्षमताओं में भी सुधार होगा।”
श्री मोदी ने जोर देकर कहा, “तेजी से बदलते भारत में रोजगार और स्वरोजगार के अवसरों में लगातार सुधार हो रहा है। तेज विकास से स्वरोजगार के अवसरों का व्यापक विस्तार होता है। आज का भारत यही देख रहा है।”
प्रधानमंत्री ने बताया कि देश में ढांचागत विकास के समग्र दृष्टिकोण के साथ पिछले आठ वर्षों में रोजगार के लाखों अवसरों का सृजत किया गया है। उन्होंने बुनियादी ढांचे में सौ लाख करोड़ के निवेश का उदाहरण देते हुए इस बात पर जोर दिया कि कैसे एक नई बनी सड़क रास्ते में रोजगार के अवसर पैदा करती है। प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि नए बाजार नई सड़कों या रेलवे लाइनों की परिधि के साथ उभरते हैं और पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ खेत से क्षेत्र तक खाद्यान्नों की ढुलाई को आसान बनाते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “इन सभी संभावनाओं ने रोजगार के अवसरों का सृजन किया है।”
देश के हर गांव में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने की भारत-नेट परियोजना का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने इस कनेक्टिविटी से रोजगार के नए अवसरों के बारे में प्रकाश डाला। यहां तक कि जो लोग तकनीक के जानकार नहीं हैं, वे भी इसके लाभों को समझते हैं। इसने गांवों में ऑनलाइन सेवाएं उपलब्ध कराते हुए उद्यमिता का एक नया क्षेत्र भी खोला है। श्री मोदी ने टियर 2 और टियर 3 शहरों में फलते-फूलते स्टार्टअप परिदृश्य का भी उल्लेख किया और कहा कि इस सफलता ने दुनिया में युवाओं के लिए एक नई पहचान प्रदान की है।
नव नियुक्त किए गए लोगों की यात्रा और प्रयासों की सराहना करते हुए, प्रधानमंत्री ने उन्हें देश के लोगों की सेवा करने का अवसर प्राप्त करने के लिए बधाई दी और उन्हें यह याद रखने के लिए प्रेरित किया कि वे किस उद्देश्य से यहां तक पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री ने उन्हें विनम्र बनने और सेवा करते रहने के लिए कहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि आपको निरंतर सीखना होगा और देश को आगे ले जाने के लिए खुद को सक्षम बनाना होगा।
पृष्ठभूमि
रोजगार मेला, रोजगार सृजन के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता देने की प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में एक कदम है। रोजगार मेले से आगे रोजगार का सृजन करने और युवाओं को उनके सशक्तिकरण तथा प्रत्यक्ष रूप से राष्ट्रीय विकास में भागीदारी करने के लिए सार्थक अवसर उपलब्ध कराने के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में काम करने की उम्मीद है।
पूरे देश से चयन किए गए नव-नियुक्त उम्मीदवारों को भारत सरकार के अधीन जूनियर इंजीनियर, लोको पायलट, टेक्निशियन, इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर, कॉन्टेबल, स्टेनोग्राफर, जुनियर एकाउंटेंट, ग्रामीण डाक सेवक, आयकर निरीक्षक, अध्यापक, नर्स, डॉक्टर, समाज सुरक्षा अधिकारी, पीए. एमटीएस जैसे पदों पर नियुक्त किया जाएगा।
कर्मयोगी प्रारंभ मॉड्यूल से सीखने वाले नव नियुक्त पदाधिकारियों के अनुभव को इस रोगजार कार्यक्रम के दौरान साझा किया जाएगा। कर्मयोगी प्रारंभ मॉड्यूल विभिन्न सरकारी विभागों में सभी नवनियुक्तों के लिए एक ऑनलाइन उन्मुखीकरण (ओरिएंटेशन) पाठ्यक्रम है।
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