केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह 20-25 दिसम्बर, 2021 को सुशासन सप्ताह का उद्घाटन करेंगे
लोक शिकायतों के निवारण और सेवा वितरण में सुधार के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान – ‘प्रशासन गांव की ओर’
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय का प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी), विदेश मंत्रालय, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग तथा पंचायती राज विभाग और ग्रामीण विकास मंत्रालय के सहयोग से आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के हिस्से के रूप में 20-25 दिसम्बर को सुशासन सप्ताह मना रहा है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह 20 दिसम्बर, 2021 को नई दिल्ली के डॉ. अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र के भीम सभागार में आयोजित सुशासन सप्ताह के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। श्री सिंह सुशासन पद्धतियों पर प्रदर्शनी – “शासन की बदलती तस्वीर” का उद्घाटन करेंगे। डॉ. जितेंद्र सिंह सुशासन सप्ताह पोर्टल लॉंच करेंगे और डीएआरपीजी की 2 साल की उपलब्धियों पर पुस्तिका का विमोचन करेंगे। इस अवसर पर “प्रशासन गांव की ओर” पर एक फिल्म दिखाई जाएगी।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने “सुशासन सप्ताह” की सफलता के लिए शुभकामनाएं देते हुए अपने संदेश में कहा कि आजादी के अमृत काल में, हम विकास को सर्वांगीण और सर्व-समावेशी बनाने के लिए एक पारदर्शी प्रणाली, कुशल प्रक्रिया और सुगम शासन का सृजन करने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। इस संदर्भ में, सप्ताह की थीम – प्रशासन गांव की ओर – और भी अधिक प्रासंगिक हो जाती है। हमारी सरकार ‘नागरिक-प्रथम-दृष्टिकोण’ द्वारा निर्देशित सुशासन को सुदृढ़ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है जो लोक केंद्रित हो और जहां सक्रिय शासन हो।
सुशासन सप्ताह की थीम “प्रशासन गांव की ओर” है। यह लोक शिकायतों के निवारण और सेवा वितरण में सुधार के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान है जिसका आयोजन भारत के सभी जिलों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में किया जाएगा। 700 से अधिक जिला कलेक्टर “प्रशासन गांव की ओर” में भाग लेंगे और सप्ताह भर चलने वाले इस कार्यक्रम के दौरान समयबद्ध शिकायत निवारण और सेवा वितरण में सुधा%
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