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PRESS INFORMATION BUREAU
MINISTRY OF INFORMATION & BROADCASTING
GOVERNMENT OF INDIA
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राष्ट्रव्यापी कोविड टीकाकरण के तहत अब तक 190.34 करोड़ से अधिक टीके लगाए जा चुके हैं
12-14 आयु वर्ग में 3.05 करोड़ से अधिक खुराकें लगाई गई
भारत में कोरोना के सक्रिय मामले 20,403 हैं
पिछले 24 घंटों में 3,207 नए मामले सामने आए
स्वस्थ होने की वर्तमान दर 98.74 प्रतिशत
साप्ताहिक सक्रिय मामलों की दर 0.82 प्रतिशत है
भारत का कोविड-19 टीकाकरण कवरेज आज सुबह 7 बजे तक अंतिम रिपोर्ट के अनुसार 190.34 करोड़ (1,90,34,90,396) से अधिक हो गया। इस उपलब्धि को 2,36,58,273 टीकाकरण सत्रों के जरिये प्राप्त किया गया है।
12-14 आयु वर्ग के लिए कोविड-19 टीकाकरण 16 मार्च,2022 को प्रारंभ हुआ था। अब तक 3.05 करोड़ (3,05,07,974) से अधिक किशोरों को कोविड-19 टीके की पहली खुराक लगाई गई है। समान रुप से 18-59 आयु वर्ग के लिये प्रीकॉशन खुराक भी 10 अप्रैल,2022 को प्रारंभ की गई थी।
आज सुबह 7 बजे तक की अस्थायी रिपोर्ट के अनुसार कुल टीकाकरण का विवरण इस प्रकार से है:
स्वास्थ्य कर्मी |
पहली खुराक | 1,04,05,810 |
दूसरी खुराक | 1,00,24,711 | |
प्रीकॉशन खुराक | 49,34,574 | |
अग्रिम पंक्ति के कर्मी |
पहली खुराक | 1,84,16,912 |
दूसरी खुराक | 1,75,55,305 | |
प्रीकॉशन खुराक | 79,51,396 | |
12-14 वर्ष आयु वर्ग | पहली खुराक | 3,05,07,974 |
दूसरी खुराक | 98,85,187 | |
15-18 वर्ष आयु वर्ग | पहली खुराक | 5,87,39,456 |
दूसरी खुराक | 4,32,18,084 | |
18-44 वर्ष आयु वर्ग |
पहली खुराक | 55,62,54,427 |
दूसरी खुराक | 48,20,42,776 | |
प्रीकॉशन खुराक | 2,87,204 | |
45-59 वर्ष आयु वर्ग |
पहली खुराक | 20,30,56,775 |
दूसरी खुराक | 18,89,79,847 | |
प्रीकॉशन खुराक | 8,07,506 | |
60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग |
पहली खुराक | 12,69,65,076 |
दूसरी खुराक | 11,77,68,750 | |
प्रीकॉशन खुराक | 1,56,88,626 | |
प्रीकॉशन खुराक | 2,96,69,306 | |
कुल | 1,90,34,90,396 |
भारत में सक्रिय मामले आज 20,403 हैं। सक्रिय मामले, कुल पॉजिटिव मामलों के 0.05 प्रतिशत हैं।
नतीजतन, भारत में स्वस्थ होने की दर 98.74 प्रतिशत है।पिछले 24 घंटों में 3,410 रोगियों के ठीक होने के साथ ही स्वस्थ होने वाले मरीजों (महामारी की शुरुआत के बाद से) की कुल संख्या बढ़कर 4,25,60,905 हो गई है।
बीते 24 घंटे में कोरोना के 3,207 नए मामले सामने आएं।
पिछले 24 घंटों में कुल 3,36,776 जांच की गई हैं। भारत ने अब तक कुल 84.10 करोड़ से अधिक (84,10,29,858) जांच की गई हैं।
देश में साप्ताहिक पुष्टि वाले मामलों की दर 0.82 प्रतिशत है और दैनिक रूप से पुष्टि वाले मामलों की दर भी 0.95 प्रतिशत है।
जानकारी के लिये : https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1823755
राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के पास कोविड-19 टीके की उपलब्धता
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 193.53 करोड़ से अधिक टीके प्रदान किये गए
राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के पास अभी भी 18.34 करोड़ से अधिक अतिरिक्त और बिना इस्तेमाल हुई खुराकें मौजूद हैं
केंद्र सरकार देशभर में कोविड-19 टीकाकरण का दायरा विस्तृत करने और लोगों को टीके लगाने की गति को तेज करने के लिये प्रतिबद्ध है। कोविड-19 के टीके को सभी के लिए उपलब्ध कराने के लिए नया चरण 21 जून 2021 से शुरू किया गया था। टीकाकरण अभियान की रफ्तार को अधिक से अधिक टीके की उपलब्धता के जरिये बढ़ाया गया है। इसके तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को टीके की उपलब्धता के बारे में पूर्व सूचना प्रदान की जाती है, ताकि वे बेहतर योजना के साथ टीके लगाने का बंदोबस्त कर सकें और टीके की आपूर्ति श्रृंखला को दुरुस्त किया जा सके।
देशव्यापी टीकाकरण अभियान के हिस्से के रूप में केंद्र सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नि:शुल्क कोविड टीके प्रदान करके उन्हें पूर्ण सहयोग दे रही है। टीके की सर्व-उपलब्धता के नये चरण में, केंद्र सरकार टीका निर्माताओं से 75 प्रतिशत टीके खरीदकर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नि:शुल्क प्रदान करेगी।
टीके की खुराकें | (09 मई, 2022 तक) |
अब तक हुई आपूर्ति | 1,93,53,58,865 |
शेष टीके | 18,34,94,170 |
केंद्र सरकार द्वारा अब तक निःशुल्क और सीधे राज्य सरकार खरीद माध्यमों से टीके की लगभग 193.53 करोड़ (1,93,53,58,865) खुराकें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उपलब्ध कराई गई हैं। अभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास कोविड-19 टीके की 18.34 करोड़ से अधिक (18,34,94,170) अतिरिक्त और बिना इस्तेमाल हुई खुराकें उपलब्ध है, जिन्हें लगाया जाना है।
जानकारी के लिये : https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1823731
कोविन: मिथक बनाम तथ्य
कोविन ने भारत के कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के डिजिटल आधारस्तंभ के रूप में सफलतापूर्वक कार्य किया है
‘समस्या बताएं’ की सुविधा के साथ कोविन में एक मजबूत शिकायत निवारण प्रणाली उपलब्ध है
मीडिया की कुछ खबरों में यह आरोप लगाया गया है कि कोविन में तकनीकी गड़बड़ियों की वजह से पुणे जिले में 2.5 लाख लाभार्थियों को कोविड के टीके की पहली खुराक लेने पर दो प्रमाण – पत्र जारी किए गए हैं।
कोविन ने भारत के कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के डिजिटल आधारस्तंभ के रूप में सफलतापूर्वक काम किया है। इसने इस प्लेटफार्म पर पंजीकृत भारत के 100 करोड़ से अधिक निवासियों को कोविड-19 टीकाकरण की 190 करोड़ से अधिक खुराकें दिया जाना संभव बनाया है। इस किस्म की व्यापक उपलब्धि एक दिन भी बाधित हुए बिना हासिल की गई है।
यह प्लेटफार्म बेहद सरल और उपयोग करने में आसान है। इस प्लेटफार्म पर पंजीकरण के लिए, लाभार्थी को तीन विकल्प – वॉक-इन (ऑफलाइन), ऑनलाइन पोर्टल और हेल्पलाइन एवं सीएससी (सामान्य सेवा केंद्र) के माध्यम से सहायता – प्रदान किए जाते हैं। एक व्यक्ति को पंजीकरण के लिए सिर्फ अपना मोबाइल नंबर देने के साथ – साथ टीकाकरण के लिए अपॉइंटमेंट निर्धारित करने या टीकाकरण केन्द्र पर पहुंचने के बाद टीका लेने के लिए नाम, आयु (जन्म का वर्ष) और लिंग संबंधी न्यूनतम जानकारी मुहैया कराने की जरूरत होती है। पहचान संबंधी प्रमाण के तौर पर, 9 फोटोयुक्त पहचान पत्रों में से एक चुनने का विकल्प दिया गया है।
हालांकि, यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि टीकाकरण की पहली खुराक प्राप्त करने के बाद, एक लाभार्थी को टीकाकरण की पहली खुराक के समय उपयोग किए गए मोबाइल नंबर के साथ ही उसी टीके की दूसरी खुराक निर्धारित करने या लेने की जरूरत होती है। एक ही लाभार्थी को दी गई पहली और दूसरी खुराक के विवरण को दर्ज करने की यही एकमात्र विधि है। यदि कोई लाभार्थी दूसरी खुराक के लिए एक अलग मोबाइल नंबर का उपयोग करता है और टीकाकरण का समय निर्धारित करता है, तो यह स्वतः ही उस लाभार्थी के लिए पहली खुराक के रूप में दर्ज किया जाएगा। इसके अलावा, दो अलग-अलग मोबाइल नंबरों पर एक ही पहचान प्रमाण का उपयोग करने की अनुमति नहीं है।
ऐसी स्थितियों के संबंध में एक प्रावधान है जिसमें एक व्यक्ति ने एक ही पंजीकृत मोबाइल नंबर के तहत दो अलग-अलग पहचान प्रमाण प्रदान किए हों। यदि नाम, आयु और लिंग लाभार्थी द्वारा प्रस्तुत किए गए फोटो पहचान पत्र के अनुसार मेल खाते हैं, तो कोविन दोनों खुराकों के लिए एकल पूर्ण टीकाकरण प्रमाण पत्र प्रदान करने हेतु दो प्रथम खुराक के प्रमाणपत्रों को मिलाने का तत्काल संकेत देता है।
यह धारणा बेमानी है कि इस प्रणाली को दो अलग-अलग मोबाइल नंबरों और फोटो पहचान पत्रों के साथ पंजीकृत किसी लाभार्थी के दो प्रथम खुराक के प्रमाणपत्रों को अवश्य स्वीकृत करना चाहिए। एक अरब से अधिक आबादी वाले इस देश में एक ही नाम, आयु और लिंग के सैकड़ों-हजारों व्यक्ति हो सकते हैं। यदि ऐसी सेवा प्रदान की जाती, तो हम असमंजस में फंसे रह जाते और इस बात की प्रार्थना करते रहते कि इस देश में एक ही नाम, उम्र और लिंग का कोई अन्य व्यक्ति न हो।
इसलिए, डेटा-एंट्री से संबंधित मानवीय त्रुटि को तकनीकी गड़बड़ी कहना एक निराधार तर्क है। ऐसी स्थिति हो सकती है जिसमें किसी लाभार्थी को अपने पति या माता-पिता के साथ दूसरे व्यक्ति के मोबाइल नंबर और उनके ड्राइविंग लाइसेंस के तहत टीकाकरण की पहली खुराक मिल गई हो। और फिर उसी लाभार्थी ने अपने पैन कार्ड के साथ अपने मोबाइल नंबर के तहत व्यक्तिगत रूप से अपनी दूसरी खुराक ली हो। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि उस लाभार्थी के पास प्रथम खुराक के दो अलग-अलग प्रमाण पत्र होंगे, क्योंकि यह प्रणाली सही ही उसे दो अलग-अलग व्यक्ति के रूप में पहचानेगा।
इसके अलावा, डेटा-एंट्री संबंधी ऐसी मानवीय त्रुटि हुई होंगी। कोविन प्रणाली ऐसी संभावनाओं से अनजान नहीं है और उसमें शिकायत निवारण की एक मजबूत की व्यवस्था उपलब्ध है। लोगों के फीडबैक के लिए हमेशा खुला रहने वाले कोविन ने ऑनलाइन पोर्टल पर ‘समस्या बताएं’ नाम की एक सुविधा मुहैया करायी है। सीएससी (सामान्य सेवा केंद्र) के प्रावधान और कॉल करने के लिए एक हेल्पलाइन के साथ लोगों के लिए इस प्रणाली में आम तौर पर देखे और व्यापक रूप से पाए जाने वाली आठ समस्याओं के डिजिटल तरीके से समाधान की व्यवस्था की गई है। इसी तरह, कोई भी व्यक्ति अपने दो प्रथम खुराक के प्रमाणपत्रों को आसानी से मिला सकता है, बशर्ते उसके नाम, आयु और लिंग में मेल हो और उसे दो पंजीकृत खाते ज्ञात हों।
कोविन एक बहुमुखी प्लेटफार्म है जिसने रिकॉर्ड गति से देश की पूरी आबादी के लिए अपना विस्तार किया है। इस जनोपयोगी डिजिटल व्यवस्था को दिन-रात जनता की सेवा में बनाए रखने वाली टीम की क्षमता को बदनाम करने के लिए एक मानवीय त्रुटि को “तकनीकी गड़बड़ी” के रूप में वर्णित करना निराशाजनक है।
जानकारी के लिये : https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1823993
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