कैमरा एंगल,लाइट,लेंस आदि की बेहतर जानकारी के साथ साथ खबरों की समझ हो, तो कैमरे से मीडिया कैरियर की राह बना सकते हैं। वैसे तो फोटोग्राफी लगभग सभी को आती है, पर इसकी कुछ ट्रेनिंग लेकर आप फोटो जर्नलिस्ट भी बन सकते हैं। आजकल टीवी रिपोर्टर से ज्यादा पूछ परख फोटो जर्नलिस्ट की हो रही है। मीडिया फील्ड में फोटो जर्नलिस्ट की भारी मांग का सबब भी यही है कि एक समझदार फोटो जर्नलिस्ट टीवी रिपोर्टर और कैमरामैन दोनों का काम करता है।
विजुअल्स की दुनिया में तस्वीर के माध्यम से ही घटना का वर्णन हो जाता है और ऐसे में फोटो जर्नलिस्ट की भूमिका बड़ी महत्वपूर्ण होती है। यदि आप में कल्पनाशीलता है और आप घटना के महत्व को समझते हैं यानी खबर की गंभीरत से परिचित हैं तो फोटो जर्नलिज्म आपके लिए बड़े काम का कैरियर है।
पत्रकारिता (मीडिया) का प्रभाव समाज पर लगातार बढ़ रहा है। इसके बावजूद यह पेशा अब संकटों से घिरकर लगातार असुरक्षित हो गया है। मीडिया की चमक दमक से मुग्ध होकर लड़के लड़कियों की फौज इसमें आने के लिए आतुर है। बिना किसी तैयारी के ज्यादातर नवांकुर पत्रकार अपने आर्थिक भविष्य का मूल्याकंन नहीं कर पाते। पत्रकार दोस्तों को मेरा ब्लॉग एक मार्गदर्शक या गाईड की तरह सही रास्ता बता और दिखा सके। ब्लॉग को लेकर मेरी यही धारणा और कोशिश है कि तमाम पत्रकार मित्रों और नवांकुरों को यह ब्लॉग काम का अपना सा उपयोगी लगे।
एक अलग पहचान
फोटो जर्नलिस्ट विशेष कवरेज, बड़ी रैलियों, प्राकृतिक आपदा, जंग, ग्लैमर वल्र्ड, और ऐसी ही मीनिंगफुल घटनाक्रम को पूरी कहानी समेत अपने कैमरे में कैद करता है। ऐसे कवरेज को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बहुत सम्मान मिलता है। जब तक इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का युग नहीं आया था, फोटो जर्नलिस्ट एक कैमरा पर्सन की तरह काम करता था। लेकिन इलेक्ट्रॉनिक और वेब मीडिया के आने के बाद इनकी एक अलग पहचान बनी है।
हर जगह फोटो जर्नलिस्ट की मांग: किसी भी खबर के लिए फोटो की भूमिका प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया दोनों में है। कुशल व प्रशिक्षित फोटो जर्नलिस्ट मीडिया इंडस्ट्री में हाथों हाथ लिए जाते हैं। अखबार और चैनलों के अलावा मैगजीनों आदि में भी फोटो जर्नलिस्ट की काफी मांग रहती है। वैसे देखा जाए तो फोटो जर्नलिस्ट बनने के लिए विजुअल्स की जानकारी के साथ साथ घटनाक्रम की समझ और कल्पनाशीलता होनी चाहिए। आजकल फोटो जर्नलिस्ट के तौर पर पहचान बनाने के लिए जरूरी है कि व्यक्ति को पुरस्थितियों और समसामयिक घटनाक्रम की जानकारी भी हो। उनके वेतन पद और संस्थान के आधार पर तय होते हैं। इन संस्थानों में फ्री लांसर के तौर पर भी कार्य कर सकते हैं। फ्री लांसिंग के काम में आमदनी की कोई सीमा
नहीं होती।
कोर्सेज व योग्यता
आज से कुछ वर्ष पहले तक कोर्स करना जरूरी नहीं समझा जाता था, लेकिन अब एक फोटो जर्नलिस्ट के तौर पर काम करने के लिए कोई कोर्स करना या औपचारिक रूप से ट्रेनिंग लेना फायदेमंद माना जाता है। कुछ संस्थान फोटो जर्नलिज्म में डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स कराते हैं या मास मीडिया के अंतर्गत फोटो जर्नलिज्म से संबंधित विषय पढ़ाते हैं। मुख्यत: यह कोर्स जर्नलिज्म व मास कम्युनिकेशन प्रोग्राम के अंतर्गत कराया जाता है। इस कोर्स में प्रवेश के लिए किसी भी विषय में स्नातक की डिग्री आवश्यक है। ज्यादातर संस्थान स्टूडेंट्स का चयन लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के आधार पर ही करते हैं। इसके अलावा किसी प्रोफेशनल फोटो जर्नलिस्ट से ट्रेनिंग भी ली जा सकती है।
व्यक्तिगत गुण
इसमें सफल होने के लिए जरूरी है कि तुलनात्मक रूप से नजर पारखी हो तथा कल्पनाशक्ति मजबूत हो। इसके अलावा कठिन परिस्थितियों में भी हमेशा बेहतर करने की कला हो। नित नई-नई तकनीक के साथ-साथ विज्ञान में हो रहे फेरबदल की भी पल-पल की जानकारी जरूरी है।
कार्य कोई विशेष घटना, प्राकृतिक आपदा, युद्ध, ग्लैमर न्यूज, कठिन से कठिन परिस्थितियों में घटनास्थल की पूरी कहानी अपने कैमरे में कैद कर लाखों करोड़ों लोगों तक तस्वीरों को पहुंचाना ही फोटो जर्नलिस्ट का कार्य है।
कार्य;-
भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी), नई दिल्ली
इंटरनेशनल इंस्टीटयूट ऑफ मास मीडिया, नई दिल्ली
जागरण इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट ऐंड मास कम्युनिकेशन, नोएडा
ऐजेके मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर, जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
एशियन एकेडमी ऑफ फिल्म ऐंड टीवी, नोएडा
दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी, गोरखपुर
स्कूल ऑफ ब्रॉडकॉस्टिंग ऐंड कम्युनिकेशन, मुंबई
लाइट ऐंड लाइफ एकेडमी, ऊटी, तमिलनाडु
नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर मीडिया स्टडीज, गांधीनगर
पंडित रविशंकर शुक्ला यूनिवर्सिटी, रायपुर
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