नई दिल्ली: पेट्रोल, डीजल की कीमतों के तीन साल के ऊंचे स्तर पर पहुंचने के चलते तीखी आलोचनाएं झेल रही सरकार अब हरकत में आई है. पेट्रोल, डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में 2 रुपये प्रति लीटर कमी का ऐलान किया गया है. पेट्रोल डीजल की एक्साइज ड्यूटी में कटौती से सरकार को एक साल में 26,000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा. मौजूदा वित्त वर्ष के बाकी महीनों के लिए यह रकम 13,000 करोड़ रुपये बैठेगी. पेट्रोल और डीजल (ब्रांडेड और नॉन-ब्रांडेड) की एक्साइज ड्यूटी में यह कटौती 4 अक्टूबर से लागू हो जाएगी. इंडियन ऑयल के मुताबिक दिल्ली में आज के हिसाब से नॉन ब्रांडेड पेट्रोल पर 21.48 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी है, जबकि नॉन-ब्रांडेड डीजल पर यह 17.33 रुपये प्रति लीटर है. सरकार के नए फैसले के बाद दिल्ली में नॉन-ब्रांडेड पेट्रोल की कीमत कम होकर 68.88 प्रति लीटर हो जाएगी, वहीं नॉन-ब्रांडेड डीजल का दाम 57.14 रुपये प्रति लीटर हो जाएगा.
देश में महंगे पेट्रोल, डीजल के दामों को लेकर मोदी सरकार लगातार निशाने पर है. तमाम आलोचनाओं के बीच पिछले दिनों सरकार ने उम्मीद जताई थी कि इनकी कीमतें जल्द ही कम हो जाएंगी. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पिछले दिनों कहा था कि पेट्रोल, डीजल के दाम दिवाली तक नीचे आ सकते हैं. सरकार ने वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम में नरमी को देखते हुए इसका लाभ उठाने के लिए तीन साल पहले शुल्क में वृद्धि की थी.
अब इस बात को लेकर आलोचना हो रही थी कि वह एक्साइज ड्यूटी में कटौती नहीं कर रही, जबकि जुलाई की शुरुआत से लगातार ईंधन के दाम बढ़ रहे हैं. 4 जुलाई से पेट्रोल की कीमत में 7.8 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई, जबकि डीजल की कीमत 5.7 रुपये बढ़कर अब तक के सर्वाधिक उच्च स्तर पर पहुंच गई.
News Source: khabar.ndtv.com
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