केन्द्रीय मंत्री ने विभिन्न श्रेणियों में वर्ष 2021-22 के लिए कोयला मंत्री पुरस्कार प्रदान किए
केन्द्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न बाधाओं और कठिनाइयों के बावजूद आगे बढ़ रही है। आज यहां वर्ष 2021-22 का कोयला मंत्री पुरस्कार प्रदान करने के लिए आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए श्री जोशी ने कहा कि कोयला क्षेत्र ने भारत की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। श्री जोशी ने सीआईएल और उसकी सहायक कंपनियों से कोयला उत्पादन बढ़ाने हेतु बुनियादी ढांचे के विकास, ढुलाई और नई प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केन्द्रित करने का आग्रह किया। इस समारोह में कोयला सचिव डॉ. अनिल कुमार जैन, कोल इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष श्री प्रमोद अग्रवाल और मंत्रालय तथा कोल इंडिया की सहायक कंपनियों के के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
पिछले साल शुरू किए गए इन पुरस्कारों का उद्देश्य न सिर्फ सीआईएल की कोयला उत्पादक कंपनियों के बीच सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों की सराहना तथा उनके योगदानों को स्वीकार करना था, बल्कि एक-दूसरे से बेहतर प्रदर्शन करने की एक सकारात्मक एवं प्रतिस्पर्धी भावना पैदा करना भी था।
पिछले वर्ष पहली बार शुरू किए गए ये पुरस्कार तीन श्रेणियों– सुरक्षा, उत्पादन एवं उत्पादकता निरंतरता (सस्टेनेबिलिटी)– में प्रदान किए गए थे। इन पुरस्कारों के दायरे में विस्तार करते हुए, इस वर्ष गुणवत्ता और ईआरपी कार्यान्वयन की दो नई अतिरिक्त श्रेणियां जोड़ी गई हैं। एक अन्य पहलू के रूप में, सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों के महाप्रबंधकों को भी इस वर्ष चार उपश्रेणियों में सम्मानित किया गया है और सराहा गया है।
पांच श्रेणियों में दिए गए पुरस्कारों में से महानदी कोल फील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) ने तीन श्रेणियों अर्थात् सुरक्षा, उत्पादन एवं उत्पादकता और गुणवत्ता में प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया। निरंतरता (सस्टेनेबिलिटी) श्रेणी में प्रथम पुरस्कार जहां वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (डब्ल्यूसीएल) को मिला, वहीं नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) ने ईआरपी के कार्यान्वयन में प्रथम पुरस्कार हासिल किया।
इस वर्ष भी अपने उच्च स्तर के प्रदर्शन को जारी रखते हुए, सीआईएल द्वारा अब तक (11 अगस्त, 2022 तक) किए गए 224 मिलियन टन (एमटी) के उत्पादन ने 24 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि हासिल की, जोकि पहले कभी नहीं देखा गया था। 10.4 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 251 मीट्रिक टन का कुल उठाव इस कंपनी के प्रदर्शन का एक और महत्वपूर्ण पहलू है।
साथ ही, एक ऐसे समय में जब देश महामारी के बाद आर्थिक विकास को मजबूती से पुनर्जीवित कर रहा है, कोल इंडिया का पूंजीगत व्यय वित्तीय वर्ष 2022 में 15,400 करोड़ रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है जोकि लगातार दूसरे वर्ष निर्धारित लक्ष्य से अधिक है।
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