नई दिल्ली। गुजरात की पारसी महिला गुलरुख गुप्ता के अपने समाज से बाहर हिंदू पुरुष से शादी करने पर पारसी ‘मंदिर’ में प्रवेश से रोक लगा दी गई थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उसे राहत दी है। गुलरुख ने अहमदाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती याचिका दायर की थी। कोर्ट के अनुसार अब वह पारसी मंदिरों में प्रवेश कर सकती है।
A Parsi woman, Goolrukh Gupta, who was barred from entering fire temples & Towers of Silence after marrying outside the community granted the right to enter a Parsi temple in Gujarat by Supreme Court. She had approached SC challenging Ahmedabad High Court order
— ANI (@ANI) December 14, 2017
पारसी महिला के हिन्दू पुरुष से शादी करने का मामला गुजरात की बालसाड पारसी ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वह महिला को पिता के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए टावर आफ साइलेंस में जाने की इजाज़त देने को तैयार है। इससे पहले उसे बाहर शादी करने के कारण मना कर दिया गया था। हाईकोर्ट ने भी महिला को पारसी रीति-रिवाज मे हिस्सा लेने की मनाही के पारसी ट्रस्ट के फ़ैसले को सही ठहराया था और कहा था कि विवाह के बाद महिला का धर्म पति के धर्म मे तब्दील हो गया है।
इसके बाद महिला ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और अपना हक मांगा था। महिला का कहना था कि उसने हिन्दू पुरुष से स्पेशल मैरिज एक्ट में शादी की थी, धर्म परिवर्तन नहीं किया था। उसे पारसी रिवाज से पिता के अंतिम संस्कार हिस्सा लेने का हक मिलना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने महिला की याचिका पर गुजरात की बालसाड पारसी ट्रस्ट से महिला की मांग पर विचार कर जवाब देने को कहा था। जिसके लिए ट्रस्ट ने आज कोर्ट में सहमति जताई।
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