पापा का सबसे बड़ा सपना था कि पार्टी अकेले चुनाव लड़े : चिराग पासवान

न्यूज़ डेस्क : बिहार में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सभी पार्टियों ने मतदाताओं को लुभाना शुरू कर दिया है। भाजपा और जनता दल यूनाइडेट (जदयू) जहां मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं राजद के नेतृत्व में महागठबंधन ने भी ताल ठोक दी है।

 

 

इसके अलावा केंद्र में भाजपा के घटल दल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने बिहार में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है। भाजपा ने हालांकि साफ कर दिया है कि वह लोजपा के नहीं जदयू के साथ है। वहीं, लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि बिहार में नेतृत्व परिवर्तन की जरूरत है। चिराग ने कहा कि हमारे पिता(रामविलास पासवान) चाहते थे कि हमारी पार्टी अकेले चुनाव लड़े। उन्होंने हमें इसके लिए काफी प्रोत्साहित किया।

 

 

 एक निजी चैनल को दिए साक्षात्कार में लोजपा अध्यक्ष ने कहा कि मैं अपने पिताजी का सपना पूरा करना चाहता हूं। मैं उनके सपने को पूरा करने के लिए निकला हूं। उन्होंने कहा, मैं सिर्फ बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट की बात करता हूं। 

 

 

गौरतलब है कि लोजपा ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ नारे के साथ बिहार विधानसभा चुनाव में उतर रही है। माना जा रहा है इस नारे के जरिए वो युवाओं और राज्य से पलायन करने वाले लोगों को साधना चाहती है। 

 

जब उनसे सवाल किया गया कि क्या उनकी पार्टी भाजपा के साथ सीटों को लेकर चर्चा कर रही है। इस सवाल के जवाब में चिराग ने कहा, भाजपा से सीटों पर कोई चर्चा नहीं हुई है। भाजपा से जो भी चर्चा हुई है वो केवल एजेंडे को लेकर हुई है। 

 

चिराग से जब पूछा गया कि आप एनडीए के दोस्त हैं। राजनीतिक उठापटक के बीच आपने अपने पिता को खो दिया। आपको हाल ही में उनका अंतिम संस्कार करना पड़ा है तो उन्होंने कहा कि हां ये सब मेरे लिए काफी मुश्किल है। मैं उन्हें बहुत याद करता हूं। मैं अपने पिता के निधन के लिए तैयार नहीं था। मुझे लगता है कि कोई भी इस तरह की परिस्थिति के लिए कभी तैयार नहीं होता है।

 

चिराग ने कहा, राज्य में चुनाव होने हैं और मैं वहां नहीं हूं। वे मेरी ताकत का आधार थे। उनके साथ के कारण मैं दुनिया से लड़ सकता था। मैं वास्तव में ऐसा कर रहा था और मैं ऐसा करना जारी रखूंगा। ये उनका सबसे बड़ा सपना था कि पार्टी अकेले चुनाव लड़े। मैं उनके इस सपने को पूरा करुंगा। 

 

नीतीश सरकार से अलग होने के सवाल पर लोजपा अध्यक्ष ने कहा, नीतीश सरकार में हमारा संवाद नहीं हो पा रहा था। इसके अलावा ना ही नीतीश सरकार में हमारा प्रतिनिधित्व था। केंद्र में हम अब भी सरकार में हैं। 

 

उन्होंने कहा, हम हर मुद्दे पर केंद्र सरकार के साथ हैं। नीतीश जी भले ही कुछ मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ रहे, लेकिन हमने हमेशा केंद्र का साथ दिया है। पीएम की नीतियों को हमारा समर्थन जारी रहेगा। बिहार में नेतृत्व परिवर्तन की जरूरत है। 

 

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