न्यूज़ डेस्क : पाकिस्तान, भारत के खिलाफ खालिस्तानी आतंकियों को मदद मुहैया करा रहा है। इस बात का खुलासा कनाडा के एक प्रमुख थिंक टैंक एमएल इंस्टीट्यूट ने अपनी रिपोर्ट में किया है। वरिष्ठ पत्रकार टेरी मिलेवक्सी ने अपनी रिपोर्ट ‘खालिस्तान: ए प्रॉजेक्ट ऑफ पाकिस्तान’ में कहा कि खालिस्तान आंदोलन कनाडा और भारत दोनों की ही सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन गया है।
टेरी ने कहा कि इस आंदोलन के बाद भी सच्चाई यह है कि कनाडा के सिख इस आंदोलन के जरिए अपने गृह राज्य पंजाब नहीं जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कनाडा के लोगों के लिए पाकिस्तान का यह कदम बड़ा राष्ट्रीय खतरा बन गया है। पंजाब में खालिस्तान के कुछ ही समर्थक बचे हैं, इसलिए कनाडा में खालिस्तान के समर्थकों को पाकिस्तानी मदद बढ़ गई है। ये खालिस्तानी अब न केवल भारत बल्कि कनाडा के राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन गए हैं।
‘खालिस्तान : ए प्रोजेक्ट ऑफ पाकिस्तान’ नाम से प्रकाशित परियोजना में यह भी बताया गया है कि भले ही भारत में खालिस्तान को लेकर बहुत समर्थन नहीं है, लेकिन पाकिस्तान लगातार एक बार फिर से खालिस्तानी आंदोलन को जिंदा करने की कोशिशों में जुटा है। इसके लिए पाकिस्तान के जिहादी समूहों ने सिख अलगाववादियों से हाथ मिला लिया है और वे मिलकर भारत के खिलाफ साजिशों को अंजाम देने में जुटे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, खालिस्तानी आतंकी नवंबर 2020 में स्वतंत्र खालिस्तान के लिए जनमत संग्रह कराना चाहते हैं। हालांकि, कनाडा सरकार ने कहा है कि वह इसकी मान्यता नहीं देगी लेकिन रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि जनमत संग्रह से अतिवादी विचारधारा को ऑक्सिजन मिल सकता है। जनमत संग्रह से कनाडा के सिख युवाओं को कट्टरवाद की ओर मोड़ा जा सकता है। इससे मेल मिलाप की संभावनाओं के लिए संकट पैदा हो जाएगा। कनाडा के नेताओं ने ही अब खालिस्तान को लेकर चिंता जताई है।
रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा के पूर्व कैबिनेट मंत्री उज्जल दोसांझ और थिंक टैंक के एक प्रोग्राम डायरेक्टर शुवालॉय मजूमदार ने कहा, ‘खालिस्तान प्रस्ताव का मार्गदर्शन करने में पाकिस्तान के प्रभाव को समझने की इच्छा रखने वाले किसी के लिए भी मिलवस्की रिपोर्ट जरूरी होनी चाहिए। दुनिया के दो लोकतंत्रों में पाकिस्तान समर्थित खालिस्तानी आतंकवाद किस कदर से पांव पसार रहा है।’
Comments are closed.