बीजिंग।अर्थव्यव्यवस्था के स्तर पर कंगाल हो चुके पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपनी पहली चीन यात्रा पर शुक्रवार को बीजिंग पहुंच गए हैं। हाल के वर्षों में इसे किसी भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की सबसे महत्वपूर्ण चीन यात्रा माना जा रहा है। पुराने मित्रों के बीच सीपीईसी को लेकर जारी मतभेद को पाटने और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की ओर से कड़े शर्तों वाले बेलआउट पैकेज से बचने को लेकर चर्चा होगी।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इमरान खान अपनी चार दिन की यात्रा पर शुक्रवार की सुबह यहां पहुंचे। तय कार्यक्रमों के अनुसार, खान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री ली क्विंग से मिलेंगे। दोनों देशों के बीच विभिन्न समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। खान पांच नवंबर को शंघाई में आयोजित चीन के अंतरराष्ट्रीय आयात एक्सपो में भी जाएंगे।
पाकिस्तानी मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, वित्त मंत्री असद उमर, वाणिज्य एवं व्यापार मामलों के सलाहकार अब्दुल रज्जाक दाऊद, रेल मंत्री शेख रशीद और अन्य भी यात्रा पर आए हैं। खान की यात्रा ने यहां काफी दिलचस्पी पैदा की है, क्योंकि यह ऐसे समय हो रही है जब वह अतीत में 50 अरब डॉलर की लागत वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना की आलोचना कर चुके हैं और उनके कई मंत्री कर्ज को लेकर चिंता की वजह से परियोजना में कुछ कटौती की बात कह चुके हैं।
ऐसे में अब उम्मीद की जा रही है कि इमरान खान आईएमएफ के बेलआउट पैकेज से बचने के लिए चीन से और अधिक कर्ज की मांग कर सकते हैं। खान ने हाल ही में सऊदी अरब की यात्रा के दौरान करीब तीन अरब डॉलर की सहायता हासिल की है।
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