न्यूज़ डेस्क : पाकिस्तान में धार्मिक असहिष्णुता का एक नया मामला सामने आया है। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सौ लोगों से अधिक की भीड़ ने कथित तौर पर एक हिंदू मंदिर में तोड़-फोड़ कर दी और आग लगा दी। जानकारी के अनुसार घटना करक जिले की है और स्थानीय मौलवियों की अगुवाई में भीड़ ने इस घटना को अंजाम दिया।
इस घटना की एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही है। इस वीडियो क्लिप में हिंसक भीड़ को मंदिर की दीवारें और छत को नष्ट करते देखा जा सकता है। पाकिस्तान और दुनिया के बाकी हिस्सों में रहने वाले मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ इस कदम की निंदा की है।
कराची के एक पत्रकार मुबाशिर जैदी ने ट्वीट किया, ‘स्थानीय मौलवियों की अगुवाई में भीड़ ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के करक जिले में एक हिंदू मंदिर को नष्ट कर दिया। हिंदुओं ने मंदिर को बढ़ाने के लिए प्रशासन से अनुमति ली थी लेकिन मौलवियों ने भीड़ जमाकर मंदिर को नष्ट कर दिया। पुलिस-प्रशासन मूक दर्शक बने रहे।’
लंदन की मानवाधिकार कार्यकर्ता शमा जुनेजो ने ट्वीट किया, ‘यह नया पाकिस्तान है! पीटीआई सरकार के शासन में खैबर पख्तूनख्वा के शहर करक में हिंदू मंदिर को नष्ट कर दिया गया। पुलिस ने भीड़ को रोकने की कोशिश नहीं की क्योंकि वह ‘अल्लाहु अकबर’ के नारे लगा रहे थे। एक शर्मनाक दिन, जो निंदा से भी परे है।
डेली टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की एक सुन्नी देवबंदी राजनीतिक दल जमीयत उलेमा-ए इस्लाम-फज्ल ने मंदिर के पास एक रैली का आयोजन किया था। जहां आक्रामक भाषण दिए गए और जिसके बाद आक्रोशित भीड़ मंदिर की ओर बढ़ चली जहां, मंदिर में जमकर तोड़-फोड़ की गई और आग लगा दी गई।
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