मेडीकैप्स विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रानिक्स एवं कम्युनिकेशन अभियांत्रिकी विभाग द्वारा ‘‘भू-स्थानीय प्रोद्योगिकी एवं इसके अनुप्रयोग’’ विषय पर परिसंवाद आयोजित किया गया। यह परिसंवाद कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाॅ. के. के. दास द्वारा दिया गया। डाॅ. दास ने भारतीय आंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में तकरीबन 40 वर्षो तक अपनी सेवाएं दी साथ ही वे वानिकी एवं परिस्थितिकी विभाग का लगभग 32 वर्षो का भी अनुभव रखते है।
कार्यक्रम का शुभारंभ डीन अभियांत्रिकी डाॅ. डी. के पांडा एवं विभाग प्रमुख सिविल अभियांत्रिकी डाॅ. आर. के. अग्रवाल द्वारा डाॅ. दास को तुलसी का गमला भेंट स्वरूप देकर किया गया। परिसंवाद के दौरान डाॅ. दास ने बताया कि किस तरह आंतरिक्ष प्रोद्योगिकी का उपयोग करके भू-संसाधनों का अध्ययन कर उन्हें समझ सकते है क्योंकि प्रोद्योगिकी के इस दौर में अब दूरस्थ जगहों का आंकलन एवं अध्ययन उपग्रह प्रोद्योगिकी के अहम योगदान से संभव हो पाया है। साथ ही उन्होंने बताया कि पृथ्वी की भूगोलीय-धरातलीय घटनाओं का भू-संसाधनों पर कैसा प्रभाव पडता है। मुख्य अतिथि ने उपस्थित छात्रों को इस क्षेत्र में नौकरी के अवसरों के बारे में भी अवगत कराया।
विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डाॅ. सुनील कि सोमानी जी ने कार्यक्रम को सराहा और इस तरह के कार्यक्रमों को बढावा देने पर जोर दिया। कार्यक्रम की संचालिका डाॅ. सरिता कंसल के अनुसार यह परिसंवाद विद्यार्थियों को आंतरिक्ष प्रोद्योगिकी को और उसके विभिन्न क्षेत्रों में उपयोगों को समझने में लाभदायक रहा एवं इससे उन्हें भविष्य में किये जाने वाले प्रयासों में बहुत मदद मिलेगी। इस कार्यक्रम में डाॅ. सी. एस. सतसंगी, डाॅ. राम श्रीवास्तव, डाॅ. अजय कुलकर्णी, डाॅ. विभा तिवारी एवं विभाग के अन्य सदस्यों की गरिमामय उपस्थिति रही।
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