ओएनजीसी बनाएगी ग्रीन हाइड्रोजन, भारत की अग्रणी अक्षय ऊर्जा कंपनी ग्रीनको जीरो सी के साथ समझौता ज्ञापन पर किए हस्ताक्षर
ऊर्जा क्षेत्र में प्रमुख कंपनी तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ओएनजीसी) ने आज मेसर्स ग्रीनको ज़ीरो सी प्राइवेट लिमिटेड (ग्रीनको) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। यह एमओयू संयुक्त रूप से अक्षय, ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन अमोनिया और ग्रीन हाइड्रोजन के अन्य डेरिवेटिव में अवसर तलाशने के मकसद से किया गया है।
दो साल के लिए वैध इस समझौता ज्ञापन पर नई दिल्ली में ओएनजीसी के निदेशक ऑनशोर श्री अनुराग शर्मा और ग्रीनको के सीईओ और प्रबंध निदेशक श्री अनिल कुमार चलामालासेट्टी द्वारा केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और आवास व शहरी मामलों के मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए। इस मौके पर सचिव (एमओपी एंड एनजी) श्री पंकज जैन, ओएनजीसी की सीएमडी डॉ. अलका मित्तल के साथ ओएनजीसी के निदेशक, एमओपी एंड एनजी, ओएनजीसी और ग्रीनको के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। ग्रीनको भारत की अग्रणी अक्षय ऊर्जा कंपनियों में से एक है।
यह समझौता ज्ञापन भारत को वैश्विक हरित हाइड्रोजन हब बनाने के लिए माननीय प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन के अनुरूप है। इस समझौता ज्ञापन के तहत परिकल्पित गतिविधियां 2030 तक प्रति वर्ष 50 लाख टन ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन के भारत के लक्ष्य में योगदान देंगी।
यह समझौता ज्ञापन ओएनजीसी के लिए अपनी ऊर्जा रणनीति 2040 के अनुसार अक्षय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में भी काम करेगा। जैसा कि ऊर्जा मिश्रण में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी, लागत प्रतिस्पर्धा, जलवायु परिवर्तन जागरूकता और मजबूत नियमन तंत्र पर जोर से प्रेरित है, इस बीच ओएनजीसी का लक्ष्य है कि वह दीर्घकालिक चुनौतियों के खिलाफ पोर्टफोलियो का जोखिम कम करने और अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में कार्बन फुटप्रिंट को कम करने जैसे अपने उद्देश्यों को पूरा करे।
Comments are closed.