एक गलती से पूरे समुदाय को गलत नहीं ठहरान चाहिए : मोहन भगवत

न्यूज़ डेस्क : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार शाम कोविड-19 महामारी मुद्दे पर संघ से जुड़े स्वयं सेवकों से ऑनलाइन माध्यम से बातचीत की। भागवत ने स्वयं सेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि जब लोग कुछ नियमों और दिशा-निर्देशों से बंधे हुए थे, तब उन्हें लगा कि कुछ चीजों को करने से प्रतिबंधित किया या रोका जा रहा है।

 

उन्होंने कहा कि संघ ने मार्च में ही निर्णय ले लिया था और जून अंत तक के अपने सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया था। लेकिन कुछ लोगों को लग सकता है कि सरकार हमारे कार्यक्रमों को प्रतिबंधित कर रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की कोई कमी नहीं है जो दूसरों को उकसाते हैं।

 

यह क्रोध को जन्म देता है। क्रोध बुद्धि का विनाश कर देता है। ऐसे में चरमपंथी कृत्यों को बढ़ावा मिलता है। हम जानते हैं कि ऐसी ताकतें हैं जो इससे लाभान्वित होती हैं और वे इसके लिए प्रयास भी कर रही हैं। भागवत ने कहा कि भारत के 130 करोड़ नागरिक सभी भारत माता की संतान और हमारे भाई-बंधु हैं। इसे ध्यान में रखा जाना चाहिए। दोनों तरफ से कोई डर या गुस्सा नहीं होना चाहिए।

 

उन्होंने कहा कि तर्कसंगत ढंग से और जिम्मेदार लोगों को अपने समुदायों-समूहों को इससे बचाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं किया गया तो क्या होगा? संघ प्रमुख भागवत ने अपने संबोधन में महाराष्ट्र के पालघर में दो ‘साधुओं’ की पीट-पीटकर हत्या की घटना का भी जिक्र किया।

 

उन्होंने सवाल करते हुए कहा- क्या ऐसा होना चाहिए था? क्या कानून और व्यवस्था को किसी को हाथ में लेना चाहिए? पुलिस को क्या करना चाहिए था? इस बारे में विचार किया जाना चाहिए। इससे पहले उन्होंने कहा कि संघ लॉकडाउन के दौरान भी सक्रिय है और राहत कार्यों में अपनी भूमिका निभा रहा है।

 

हमें इस महामारी के खत्म होने तक राहत कार्य जारी रखना चाहिए, उन सभी लोगों की मदद करनी चाहिए जो कोविड-19 संकट के कारण प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि संघ के कार्यकर्ता दूसरों को जागरूक करने के अलावा, कोविड-19 के मद्देनजर लॉकडाउन के दौरान सभी नियमों और सावधानियों का पालन कर रहे हैं।

 

उन्होंने कहा कि भारत सरकार और भारतीयों नागरिकों ने स्थिति को प्रभावी ढंग से संभाला है और इस संकट के समय में सभी ने सक्रिय भूमिका निभाई है। भागवत ने देश हित के बजाए निजी स्वार्थ को महत्व देने वालों को चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि बिना किसी भेदभाव के लोगों की सेवा करें, जिन्हें मदद की जरूरत है वे हमारे अपने हैं। संकट के समय में मदद करना हमारा कर्तव्य है।

 

बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत कोविड-19 संकट के मद्देनजर मौजूदा स्थिति पर संगठन के कार्यकर्ताओं को ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे। उन्होंने शाम 5:00 बजे देशभर के स्वयंसेवकों से यू-ट्यूब और फेसबुक के माध्यम से रूबरू होने की बात कही थी।

 

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