मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय कर्नाटक और उत्तराखंड में वन-हेल्थ प्रारूप को क्रियान्वित कर रहा है
मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अधीन पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी) ने ‘वन-हेल्थ’ स्वरूप के जरिये पशुओं, मनुष्यों और पर्यावरण सम्बंधी स्वास्थ्य की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिये हितधारकों को एक मंच पर लाने की पहल की है। बिल एवं मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (बीएमजीएफ) के सहयोग से डीएएचडी और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) क्रियान्वयन साझीदार के तौर पर कर्नाटक तथा उत्तराखंड राज्यों में ‘वन-हेल्थ’ प्रारूप को लागू करने की जिम्मेदारी वहन कर रहे हैं।
डीएएचडी कल कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में ‘वन हेल्थ’ को प्रायोगिक तौर पर शुरू करेगा। पशुपालन एवं डेयरी विभाग के सचिव श्री अतुल चतुर्वेदी कर्नाटक में इस प्रायोगिक परियोजना का शुभारंभ करेंगे। उस अवसर पर केंद्र और राज्य के सभी प्रमुख गणमान्य और पशुधन, मानव संसाधन, वन्यजीव और पर्यावरण सेक्टर के हितधारक उपस्थित रहेंगे।
डीएएचडी एक राष्ट्रीय ‘वन-हेल्थ’ रोडमैप विकसित करेगा, जो इस पहल से मिलने वाले अनुभवों पर आधारित होगा। इसके जरिये पशुओं से मनुष्यों में फैलने वाले संक्रामक रोगों को भविष्य में रोकने में मदद मिलेगी। इस पहल से बेहतर तरीके से रोगों से निपटने की प्रणाली तैयार होगी और उसका प्रबंधन संभव होगा। साथ ही विश्वभर में अपनाई जाने वाले उत्कृष्ट व्यवहारों को अपनाया जायेगा। कार्यक्रम के दौरान कर्नाटक के लिये क्षमता निर्माण योजना और ‘वन-हेल्थ’ पुस्तिका (कन्नड़) का भी शुभारंभ किया जायेगा।
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