नई दिल्ली : भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्तता के बीच हुए सिन्धु जल संधि जो 1960 मे किया जल समझौता जिस के तहत अभी पाकिस्तान को पानी मिलती है के ऊपर भारत द्वारा पनबिजली परियोजना बनाने को रोकने के लिए पाकिस्तान ने विश्व बैंक से गुहार लगाई थी l यह कदम पाकिस्तान ने मोदी के उस भाषाण के बाद ही उठाया था जिस मे मोदी ने कहा था की भारत से पाकिस्तान को जाने वाली पानी के समझौते पर फिर से विचार करने का समय आ गया है l
पाकिस्तान के आपति पर आज विश्व बैंक ने आज अपना फैसला देते हुए कहा की संधि के तहत भारत को पश्चिम नदियों पर पनबिजली परियोजना बनाने की इज्जाजत है l यह फैसला भारत के पक्ष मे आया है l पाकिस्तान ने पिछले साल कश्मीर मे किशनगंज मे 330 मेगावाट और रतले में 850 मेगावाट की पनबिजली परियोजना पर रोक लगाने के लिए विश्व बैंक का दरवाजा खटखटाया l परन्तु वह उसको मुह की खानी पड़ी l
यह दोनों प्रोजेक्ट झेलम और चिनाब नदी पर बनना प्रस्तावित है l सिन्धु नदी समझौता मे इन दोनों नदियों को पश्चिम नदी के तौर पर परिभाषित किया है l पाकिस्तान इन नदियों का असीमित पानी इस्तेमाल करता है और वो नहीं चाहता की उसकी पानी की मात्र मे कोई कमी आये अगर ऐसा हुआ तो पाकिस्तान को प्यासा भी रहना पड़ सकता है l विश्व बैंक ने आज फैक्ट्शीट जारी कर कहा की भारत इन नदियों का पानी का इस्तेमाल कर सकता है l
Comments are closed.