न्यूज़ डेस्क : दुनिया भर में मनाए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर उस आध्यात्मिक शक्ति का उत्सव मनाया जाता है, जो योग ने पूरी मानवता को दी है। इस खास अवसर पर कुर्बान हुआ की प्रतिभा रांटा, क्यों रिश्तों में कट्टी बट्टी की नेहा मार्दा, तुझसे है राब्ता की वैदिका सेंजलिया, और अपना टाइम भी आएगा की विवाना सिंह एवं प्रेयल शाह जैसे ज़ी टीवी के कलाकारों ने विस्तार से बताया कि किस तरह योग ने उनकी जिंदगी का मोल बढ़ा दिया है।
ज़ी टीवी के कुर्बान हुआ में चाहत का रोल निभा रहीं प्रतिभा रांटा कहती हैं, ‘‘मैं बहुत छोटी उम्र से डांस कर रही हूं और इस तरह मैंने योग की प्रैक्टिस शुरू की। जब मैं पेशेवर स्तर पर डांस करने लगी, तो मेरे नियमित व्यायाम में रोज सुबह उठकर कुछ स्ट्रैचिंग और सूर्य नमस्कार करना शामिल था। इससे मुझे अपना लचीलापन और बेहतर आंतरिक शक्ति बरकरार रखने में मदद मिली। इतना ही नहीं, अलग-अलग योग आसन करते हुए मुझमें काफी एनर्जी भी आ गई। योग की शुरुआत करने के बाद मैं उस कथन में यकीन करने लगी कि यदि आपका शरीर स्वस्थ होगा, तो आपकी विचारधारा भी सही होगी।इस खास दिन पर मैं सभी से कहना चाहूंगी कि आप सिर्फ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर योग ना करें, बल्कि इसे हमेशा के लिए अपना साथी बना लें।‘‘
ज़ी टीवी के ‘क्यों रिश्तों में कट्टी बट्टी‘ में शुभ्रा का रोल निभा रहीं नेहा मार्दा कहती हैं, ‘‘मैं हमेशा से फिट रहना और एक छरहरा शरीर पाना चाहती थी। हालांकि मेरा उद्देश्य सिर्फ वजन घटाना नहीं, बल्कि शरीर की सभी मसल्स के बीच एक सही संतुलन बनाना था, साथ ही अनावश्यक बॉडी फैट को कम करना था, जो बार-बार आ जाता है। मैंने काफी शुरुआत में यह जान लिया था कि हर बॉडी टाइप अलग-अलग होता है। मेरा शरीर तब बेहतर काम करता है, जब मैं नियमित रूप से योग करती हूं। मुझे कभी जिम का शौक नहीं रहा। असल में बहुत-से लोगों की तरह मैं जिम भी नहीं जाती, बल्कि मैं सिर्फ योग और ध्यान पर केंद्रित रहती हूं। इस योग दिवस पर आइए योग की शक्ति को उसके असली रूप में महसूस करें। मेरी ओर से आप सभी को हैप्पी इंटरनेशनल डे ऑफ योगा!‘‘
ज़ी टीवी के ‘तुझसे है राब्ता‘ में उŸारा दीक्षित का रोल निभा रहीं वैदिका सेंजलिया कहती हैं, ‘‘योग व्यायाम का मूलभूत प्रकार है और मैं लंबे समय से योग कर रही हूं। मुझे याद है, बचपन में मुझे सांस की बहुत-सी समस्याएं होती थीं और मेरी मां मुझे बहुत-से योग शिविर में ले जाती थीं, जहां मैं प्राणायाम और ध्यान करती थी। तो आप कह सकते हैं कि बचपन से ही मुझ पर योग का गहरा प्रभाव रहा है, जो आज भी नहीं बदला। वक्त के साथ मैंने महसूस किया है कि योग न सिर्फ आपके शरीर को स्वस्थ करता है, बल्कि आपका दिमाग भी बेहतर बनाता ळें जब भी मैं तनाव या उलझन में होती हूं तो योग से मुझे शांति मिलती है। योग के कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं और मैं चाहती हूं कि सभी लोग रोज योगाभ्यास जरूर करें।‘‘
ज़ी टीवी के ‘अपना टाइम भी आएगा‘ में महारानी राजेश्वरी का रोल निभा रहीं विवाना सिंह कहती हैं, ‘‘मेरे पिता हर दिन योग करते हैं और उन्हें देखते हुए ही मैंने यह कला सीखी है। बीते कई सालों से मैं इसे नियमित रूप से कर रही हूं, और मुझे कहना होगा कि इसने मेरी बहुत मदद की। मैं आमतौर पर सूर्य नमस्कार, सांस के कुछ व्यायाम और कुछ दूसरे आसन करती हूं। सभी योग अभ्यासों में सूर्य नमस्कार मेरा पसंदीदा है, क्योंकि सूर्य नमस्कार में आप जितने भी आसन करते हैं, उससे आपके पूरे शरीर में खिंचाव पैदा होता है। इससे आपकी मांसपेशियां भी टोन होती हैं और आपके शरीर में गजब का लचीलापन आता है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर मैं सभी से अपील करती हूं कि सभी रोज योग करें, क्योंकि इसके कई फायदे हैं। इससे आपकी रोग इम्युनिटी भी बढ़ेगी।‘‘
ज़ी टीवी के ‘अपना टाइम भी आएगा‘ में कियारा सिंह रजावत का रोल निभा रहीं प्रेयल शाह कहती हैं, ‘‘योग उन सबसे बढ़िया उपहारों में से एक है, जो भारत ने मानव जाति को दिया है। मुझे कहना होगा कि इस कला का अभ्यास करने के बहुत-से फायदे हैं। इससे ना सिर्फ आप शारीरिक तौर पर स्वस्थ रहते हैं, बल्कि आपको मानसिक शांति भी मिलती है। मैं नियमित तौर पर अपने व्यस्त शेड्यूल से वक्त निकालकर अलग-अलग योग आसन करती हूं। सच कहूं तो मैं बचपन से योग कर रही हूं और मुझे लगता है कि जिंदगी में मैंने यह सबसे अच्छी आदत बरकरार रखी है। मुझे लगता है कि सभी को अपनी जिंदगी में इसका पालन करना चाहिए, क्योंकि इससे आपकी उथल-पुथल भरी जिंदगी में एक सटीक संतुलन बनता है, खास तौर से चुनौती भरे वक्त में यह बड़े काम आता है।‘‘
ज़ी टीवी के ‘तेरी मेरी इक्क जिंदड़ी‘ में माही का रोल निभा रहीं अमनदीप सिद्धू कहती हैं, ‘‘मैं पिछले तीन-चार सालों से पीठ की समस्या से जूझ रही थी। जब मैंने वेट ट्रेनिंग शुरू की, तो यह थोड़ी और बढ़ गई। पिछले लॉकडाउन के दौरान मैंने इसके लिए दवाइयां भी लीं, लेकिन फिर मैंने इसके लिए योग को आजमाने का फैसला किया। शुरुआत में मुझे अपना संतुलन बनाना बड़ा मुश्किल लगा, लेकिन इसे शुरू करने के दो महीनों के बाद ही मुझे इसके फायदे नजर आने लगे। पहली बार में मैं इसे सही से नहीं कर पाई थी, लेकिन मैं कोशिश करती रही और अब मैं यह कहना चाहूंगी कि मुझे योग करने में वाकई मजा आता है। मुझे लगता है कि सभी को इसे आजमाना चाहिए क्योंकि इससे शरीर में काफी लचीलापन आता है, जो कि बहुत जरूरी है।‘‘
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