इंदौर, 29 जुलाई, 2021। डेली कॉलेज इंदौर केवल एक शिक्षण संस्था ही नहीं बल्कि एक परम्परा और धरोहर है। बीते कई दशकों से इस संस्था का गौरवशाली इतिहास रहा है। ऐसे में इस संस्था का नियमों से परे काम करना ओल्ड डेलियन्स को रास नहीं आ रहा है। इस वर्ष डेली कॉलेज 150 वर्ष पूर्ण होने का समारोह मना रहा है जबकि ओल्ड डेलियन्स का कहना है कि तथ्यात्मक रूप से यह गलत है। अभी 150 वर्ष पूरे हुए ही नहीं। ऐसे कई मुद्दों को लेकर ओल्ड डेलियन्स के एक समूह ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना विरोध दर्ज करवाया और अनियमितताओं के विरुद्ध न्यायालय का रुख करने का भी निर्णय लिया।
धार के महाराज श्री हेमेंद्र सिंह पंवार, जो कि पीढ़ियों से डेली कॉलेज से जुड़े हैं, उन्होंने इस संदर्भ में जानकारी देते हुए बताया-‘डेली कॉलेज हमारे लिए एकेडेमिक्स के अलावा मॉरल वैल्यूज़ को मजबूत बनाने वाला संस्थान है। ऐसे में यहां होने वाली किसी भी अनियमितता को लेकर प्रश्न करना मेरा अधिकार ही नहीं जिम्मेदारी भी बन जाती है। 150 वर्ष पूरे होने का समारोह तब मनाया जाए जब 150 वर्ष पूरे हों, लेकिन यहां तो उससे पहले ही समारोह मनाने की तैयारी कर ली गई है। 2007 में केंद्र सरकार द्वारा डेली कॉलेज के 125 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक डाक टिकिट जारी किया था। यह अपने आप में सबसे बड़ा साक्ष्य है कि अभी संस्थान ने 150 वर्ष पूरे नहीं किये हैं। इसके अलावा सीबीएसई के नॉर्म्स के अनुसार एक ही परिवार के दो लोग एक साथ एक सोसायटी के सदस्य नहीं हो सकते। जबकि डेली कॉलेज में नरेन्द्रसिंह झाबुआ और उनके पुत्र जय सिंह झाबुआ दोनो एक साथ सदस्य हैं। यह न केवल नियमों के विरुद्ध है बल्कि गैरकानूनी भी है क्योंकि बकायदा सीजीएम (चीफ जस्टिस मजिस्ट्रेट) इसके लिए एफिडेविट प्रदान करते हैं, फिर यह कैसे हुआ? हम ऐसी सभी अनियमितताओं के विरोध में आवाज़ उठा रहे हैं और बकायदा कानूनी तौर पर कदम आगे बढ़ा रहे हैं।
फिलहाल 150 वीं जयंती के इस समारोह के विरुद्ध, ओल्ड डेलियन्स सुनील बजाज व दीपक कासलीवाल ने दिनांक 29 जुलाई 2021 को कोर्ट में स्टे ऑर्डर प्रदान करने सम्बन्धी याचिका दायर (सीएनआर नम्बर एमपी 09010280692021) की और स्वयं मामले की पैरवी की। इसके सन्दर्भ में माननीय न्यायालय ने कल, शुक्रवार दिनांक 30 जुलाई 2021 को सुबह 11 बजे मामले की फिर से सुनवाई करने के बाद उक्त समारोह के सम्बंध में आदेश देने का निर्णय लिया है।
महाराज हेमेंद्रसिंह ने आगे बताया-‘इस संस्थान की नींव से हम सभी ओल्ड डेलियन्स गहराई से जुड़े हैं। यहां गलत होने का मतलब है आने वाली पीढ़ी के सामने भी गलत उदाहरण प्रस्तुत करना। यह समाज के प्रति भी हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम गलत के विरुद्ध आवाज उठाएं। इसी दिशा में हम सभी तथ्यात्मक साक्ष्यों के साथ आगे बढ़ रहे हैं। ताकि इस इस गौरवशाली संस्थान की साख पर कोई आंच न आये।
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