राज्यों को अपनी ओबीसी सूची बनाने की शक्ति को बहाल करने वाली, ओबीसी बिल संसद में पास

न्यूज़ डेस्क : लोकसभा में संविधान (127वां संशोधन) विधेयक 2021 मंगलवार को पारित हो गया। यह विधेयक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की अपनी ओबीसी सूची बनाने की शक्ति को बहाल करने के लिए है। हाल में ही कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी थी। राज्यसभा में भी इसके आसानी से पारित हो जाने के आसार हैं, क्योंकि सभी विपक्षी दल इस विधेयक पर एक साथ है।

 

 

 

उल्लेखनीय है कि इस विधेयक के माध्यम से महाराष्ट्र में मराठा समुदाय से लेकर हरियाणा और उत्तर प्रदेश के जाट समुदाय को ओबीसी (अति पिछड़ा वर्ग) में शामिल करने और उन्हें आरक्षण देने का रास्ता साफ हो जाएगा। हालांकि माना जा रहा है कि इस फैसले के बाद केंद्र सरकार पर आरक्षण की 50 फीसदी की सीमा खत्म करने के लिए दबाव बढ़ेगा।

 

 

कांग्रेस ने किया विधेयक का समर्थन

कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा में ओबीसी आरक्षण विधेयक का समर्थन किया। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम इस बिल का समर्थन करते हैं और हम मांग करते हैं कि 50 फीसदी की सीमा को हटाने पर भी विचार किया जाए। कांग्रेस का कहना है कि यह सीमा हटने के बाद ही मराठा समुदाय और अन्य राज्यों में लोगों को इसका फायदा मिल पाएगा।

 

 

चौधरी ने कहा कि कुछ प्रदेशों में आरक्षण की सीमा इससे ज्यादा है। तमिलनाडु में 69 फीसदी आरक्षण है। बाकी राज्यों को भी ये ताकत दी जाए कि वो आरक्षण को इस सीमा से बढ़ा सकें। उन्होंने कहा, ‘हम एक जिम्मेदार दल हैं। यह संविधान संशोधन विधेयक है और इसमें दो तिहाई बहुमत के समर्थन की जरूरत पड़ती है। इसलिए हम इसमें हिस्सा ले रहे हैं।’

 

 

लोकसभा से ये विधेयक भी हुए पारित

इसके अलावा मंगलवार को लोकसभा में राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (संशोधन) विधेयक 2021 भी पारित हो गया। सदन ने भारतीय औषधि व्यवस्था आयोग (संशोधन) विधेयक 2021 को भी मंजूरी दे दी।

 

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