अब बच्चों पर कोरोना कहर , एक माह में करीब 80 हज़ार बच्चों को हुआ कोरोना

न्यूज़ डेस्क : कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने पूरे देश को अपनी चपेट में ले लिया है। ऐसे में देश के अलग-अलग हिस्सों से आ रहे कोरोना संक्रमित मरीजों के आंकड़े काफी डराने वाले हैं। देशभर के अलग-अलग राज्यों और शहरों में तमाम तरह की पाबंदियां भी लगाई जाने लगी हैं। कहीं नाइट कर्फ्यू, कहीं वीकेंड लॉकडाउन तो कहीं पर पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई है। राज्य कोरोना मामलों को नियंत्रित करने के लिए ये तमाम तरीके अपना रहे हैं।

 

 

 

इस बीच वायरस के इस दूसरी लहर में एक ऐसा ट्रेंड देखने को मिल रहा है, जो काफी चिंताजनक है। एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिकइस बार यह वायरस बुजुर्गों के बजाय युवाओं और बच्चों में ज्यादा तेजी से फैल रहा है। दरअसल कोरोना वायरस के पहले फेज में इस वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित लोगों में बुजुर्ग शामिल थे, लेकिन इस बार यह मामला बिल्कुल उलट हो गया है। यही कारण है कि एक महीने में 5 राज्यों के करीब 80 हजार बच्चे कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं।

 

 

 

वर्तमान में बच्चों के लिए कोई टीका मौजूद नहीं है। हाल ही में ब्रिटेन में बच्चों पर एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के परीक्षण को भी रोक दिया गया, जब टीके का उन पर बुरा प्रभाव पड़ने की रिपोर्ट सामने आईजिसके कारण यूरोपीय राष्ट्र में सात मौतें भी हुई।

 

 

 

भारत में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान संक्रमित होने वाले बच्चों की बात की जाए, तो महाराष्ट्र में 1 मार्च से 4 अप्रैल के बीच कुल 60,684 बच्चे कोविड से संक्रमित हुए हैं। इन बच्चों में से 9,882 बच्चे पांच साल से भी कम उम्र के हैं।

 

 

वहीं, छत्तीसगढ़ में 5,940 बच्चे वायरस से संक्रमित हुए हैं और उनमें से 922 पांच साल से कम उम्र के हैं। इसके अलावा कर्नाटक में वायरस से संक्रमित होवे वाले कुल बच्चों का आंकड़ा 7,327 हैजिनमें 871 पांच साल से कम उम्र के हैं। साथ ही उत्तर प्रदेश में कुल 3,004 बच्चे संक्रमित हुए हैं, उनमें से 471 पांच साल से कम उम्र के हैं।

 

 

दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के एक डॉक्टर ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी में भी ऐसी ही स्थिति देखी जा रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि दिल्ली में कुल 2,733 बच्चे वायरस से संक्रमित हैं और उनमें से 441 पांच साल से कम उम्र के हैं।

 

 

सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का विचार है कि बच्चों में तेजी से वायरस के फैलने का कारण उनकी कमजोर प्रतिरक्षा क्षमता और कोविड-उपयुक्त व्यवहार की कमी हो सकती है। इसके आलावा यह भी तथ्य है कि नए वायरस म्यूटेंट अत्यधिक संक्रामक हैं और धीरे-धीरे सुपर-स्प्रेडर्स में बदल रहे हैं।

 

 

 

पिछले 24 घंटों में भारत में कुल 1,15,736 नए मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि 630 लोगों ने इस वायरस से अपनी जान गंवा दी है। तीन दिनों के भीतर यह दूसरी बार था, जब देश ने एक दिन में 1 लाख से अधिक मामले दर्ज किए हैं।

 

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