वाहन स्क्रैपिंग नीति में यह प्रस्ताव किया गया है कि वाहन मालिकों को प्रेरित करने के लिये ऐसी प्रणाली बनाई जाये कि वे अपने पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों से छुटकारा पा लें। उल्लेखनीय है कि ऐसे वाहनों का रखरखाव महंगा होता है और ईंधन की खपत बढ़ जाती है, जिसके कारण ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है।
उपरोक्त दिशा में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक जीएसआर अधिसूचना 720(ई), तिथि पांच अक्टूबर, 2021 को भारत के गजट में जारी कर दिया है। यह एक अप्रैल, 2022 से लागू हो जायेगी।
स्क्रैपिंग के लिये प्रेरणास्वरूप, जो वाहन मालिक पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा द्वारा दिया जाने वाला “जमा प्रमाणपत्र” दाखिल करेंगे, उन वाहन मालिकों को मोटर वाहन टैक्स में रियायत दी जायेगी। रियायत इस प्रकार हैः
गैर-परिवहन (निजी) वाहन के मामले में 20 प्रतिशत तक की और
परिवहन (वाणिज्यिक) वाहनों पर 15 प्रतिशत तक की रियायत
परिवहन वाहनों के लिये आठ वर्षों तक और गैर-परिवहन वाहनों के लिये पंद्रह वर्षों तक यह रियायत उपलब्ध होगी।
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