न्यूज़ डेस्क : लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया चिराग पासवान ने कहा है कि अगर नीतीश कुमार को संतुष्ट करने के लिए भारतीय जनता पार्टी के नेता और यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मेरे खिलाफ बोल सकते हैं। लेकिन उन्होंने नेताओं को सही शब्दों का इस्तेमाल करने की सलाह दी। भाजपा नेता और गृह मंत्री अमित शाह के एक बयान के बाद चिराग ने यह बात कही है। अमित शाह ने चिराग के ‘मोदी का हनुमान’ बयान पर कहा था कि लोजपा अध्यक्ष को किसी भ्रम में नहीं रहना चाहिए।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए चिराग पासवान ने कहा कि नीतीश कुमार ने अपना अधिकांश समय इसी चीज को दिखाने में बर्बाद कर दिया है कि भाजपा और लोजपा में बिखराव हो गया है, वे बंटे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने मेरे खिलाफ बोलने के लिए भाजपा के सभी बड़े नेताओं को मैदान में उतार दिया है। मैं सिर्फ यह कहना चाहता हूं कि वे सभी मेरे खिलाफ बोलने के लिए आजाद हैं। चिराग ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार को संतुष्ट करने के लिए प्रधानमंत्री भी मेरे खिलाफ कुछ बोलना चाहते हैं तो बोल सकते हैं।
लोजपा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार को भाजपा का धन्यवाद करना चाहिए कि वे मुख्यमंत्री के खिलाफ इतना जन आक्रोश होने के बाद भी गठबंधन धर्म निभा रहे हैं। चिराग ने ट्वीट किया, ‘नीतीश कुमार जी को भाजपा के साथियों का धन्यवाद करना चाहिए कि वे मुख्यमंत्री के खिलाफ इतना आक्रोश होने के बावजूद गठबंधन धर्म निभा रहे हैं और हर दिन नीतीश कुमार जी को प्रमाणपत्र देते हैं कि वे चिराग के साथ नहीं हैं।’
चिराग ने एक बार फिर से कठिन दौर में प्रधानमंत्री मोदी का साथ मिलने का जिक्र किया और उन्हें धन्यवाद दिया। साथ ही यह भी कहा कि उन्होंने ही ‘बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट’ विजन डॉक्यूमेंट लाने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी मेरे दिल में हैं। जब मेरे पिता आईसीयू में थे और मैं अकेले था तब पीएम मेरे साथ खड़े थे। उन्होंने मेरे पिता को इतना सम्मान दिया। क्या मुझे यह सब भूल जाना चाहिए? उन्होंने बेटे की तरह मुझे स्नेह दिया है। ये धर्म की तरह मेरा व्यक्तिगत विश्वास है।’
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना करते हुए चिराग पासवान ने कहा कि वे युवा विरोधी हैं और युवा नेताओं को खारिज करते हैं। उन्होंने नीतियों के बारे में सोचना बंद कर दिया है। चिराग ने कहा कि वे खुद जेपी आंदोलन के समय एक युवा कार्यकर्ता के तौर पर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की लेकिन युवाओं को अनुभवहीन कह कर खारिज कर देते हैं। लोजपा अध्यक्ष ने कहा कि हम भी चीजों को जानते-समझते हैं और बिहार के भले के बारे में सोच सकते हैं। राज्य की जनता ने उन्हें पहले ही 15 साल का समय दे दिया है।
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